बिहार प्रशासनिक सेवा आयोग से रिटायर्ड अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता एक बार फिर से ग्रहण की है. बिहार भाजपा कार्यालय में उन्हें केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने उन्हें सदस्यता दिलाई. मौके पर बिहार सरकार के मंत्री व भाजपा विधायक मौजूद रहे. बिहार प्रशासनिक सेवा आयोग में लम्बे समय तक अपनी सेवा देने के बाद वे 31 जनवरी 2022 को अपने पद से सेवा निवृत हो गये थे, उसके पहले वे भारतीय जनता पार्टी से पहली बार 1980 में जुड़े थे. वे बाल काल से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं. आज उन्होंने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है.

आपको बता दें कि सुनील कुमार वर्मा पटना के महेन्द्रू निवासी हैं, जो बाल्य काल में लोक नायक जय प्रकाश नारायण के आन्दोलन से सक्रीय रहे. उसके बाद संघ परिवार और फिर भाजपा से जुड़ गये. 1982 में वे महेन्द्रू मंडल के महामंत्री और चुनाव कार्य में सक्रिय रहे. 1988 में भाजयुमो के जिला महामंत्री का दायित्व संभाला. लेकिन 1994 में बिहार प्रशासनिक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा पास कर ग्रामीण विकास पदाधिकारी, सीतामढ़ी के पद से सरकारी सेवा की शुरुआत की और तब राजनीति से दूर हो गये.

लेकिन साल वे बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मंत्री प्रेम कुमार के आप्त सचिव और प्रमोद कुमार के OSD बन कर अपनी सेवा देते रहे.

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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