-डॉ. नितिन कुमार और डॉ. आकांक्षा वाजपेयी द्वारा की गई जटिल सर्जरी

-बिना चीर फाड़ कर, दूररबीन विधि से किया गया मरीज का इलाज

पटना। पारस एचएमआरआई के दो डॉक्टर गैस्ट्रो सर्जन डॉ. नितिन कुमार और कैंसर सर्जन डॉ. आकांक्षा वाजपेयी ने एक 76 साल के बुजुर्ग के जटिल कैंसर का इलाज बिना चीरे के दूरबीन विधि से कर दिखाया है। मरीज को एनल कैनाल का कैंसर था। जिसमें शुरुआती इलाज के रूप में कीमो थेरेपी और रेडियो थेरेपी साथ में देने की जरूरत पड़ती है। उन्हें 2021 में ही ये दोनों थेरेपी दी जा चुकी थी। इसके बावजूद कैंसर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था। तब डॉ. नितिन कुमार और डॉ. आकांक्षा वाजपेयी ने साल्वेज एपीआर पद्धति से ऑपरेशन के जरिए इनका कैंसर ग्रसित भाग पूरी तरह से निकालने का फैसला किया।

डॉ. आकांक्षा वाजपेयी ने बताया, “इस ऑपरेशन में चीरे की जरूरत नहीं पड़ी और दूरबीन के द्वारा कैंसर ग्रसित भाग को पूरी तरह निकाल दिया गया।” सर्जरी के बारे में आगे बताते हुए डॉ. नितिन कुमार ने कहा ,”यह सर्जरी इतनी आसान नहीं थी क्योंकि मरीज की उम्र बहुत ज्यादा थी, उन्हें कैंसर था और उन्हें दोनों थेरेपी भी दी जा चुकी थी। हालांकि इसके बावजूद उनका ऑपरेशन सफल रहा।”

दूरबीन से सर्जरी के दौरान मरीज को कोई चीरा नहीं लगाना पड़ता है और जटिलताएं भी कम होती हैं। इस सर्जरी के बाद मरीज को दर्द की दवाई की भी जरूरत बहुत ही कम मात्रा में दी गई। अब मरीज़ पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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