परेशानियों ने मुझ को घेरा , मैं अर्जुन कलयुग का,

कान्हा मुझको मिला नहीं, कैसे टूटेगा चक्रव्यू कलयुग का।

हर तरफ हताशा है, मिली बस निराशा है,

कैसे मिलेगा कृष्णा , मुझ अर्जुन  को कलयुग का।

एक दुर्योधन को मारा, अब हर ओर दुर्योधन दीखते हैं,

पांडव ज्यादा बचे नहीं, हर ओर कौरव दीखते हैँ।

दुर्योणाचार जैसा गुरु  मिल जाता, मुझ अर्जुन को कलयुग का,

भीष्म जैसा महान मिल जाता, मुझ अर्जुन को कलयुग का,

कैसे तोडूं इस चक्रव्यू को, मैं अर्जुन कलयुग का।

कर्ण भी अब रहा नहीं, मैं अकेला अर्जुन कलयुग का,

धृतराष्ट्र ने अंधेरा फैलाया, प्रकाश न दीखता कलयुग का,

चक्रव्यू ने मुझको घेरा, मैं अर्जुन कलयुग का।

आओ कृष्णा इस युग में, मैं अकेला हूं अर्जुन कलयुग का,

तेरा  इन्तिज़ार करता है अर्जुन, ये अर्जुन कलयुग का।

गीता का ज्ञान मिल जाए, इस अर्जुन को कलयुग का,

आओ कृष्णा इस युग में, तो तोड़ दूंगा चक्रव्यू कलयुग का।

वीडियो :

https://www.youtube.com/watch?v=3EQ7zUkM2B4

 

By The Ankit Paurush Show

Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

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