– राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर रश्मिरथी का हुआ नाट्य मंचन

पटना 23 नवम्बर 2024

आज प्रेमचंद रंगशाला में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार के सहयोग से निर्माण कला मंच,पटना, के द्वारा रश्मिरथी का नाट्य मंचन वरिष्ठ रंगकर्मी संजय उपाध्याय के निर्देशन में किया गया।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की विशेष सचिव श्रीमती सीमा त्रिपाठी , निदेशक सांस्कृतिक कार्य, श्रीमती रूबी , सचिव , संगीत नाटक अकादमी श्री अनिल कुमार सिन्हा , वरिष्ठ रंगकर्मी श्री संजय उपाध्याय एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत में गणमान्य अतिथियों के द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारे पुरोधा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी देश के वो कवि थे जिनकी कालजई रचनाएं देश के हर नागरिक को ऊर्जा से भर जाती थी । बात चाहे विद्रोह की हो या क्रांति की श्रृंगार या प्रेम की, दिनकर साहित्य के सभी विधाओं में निपुण रहे। राष्ट्रहित उनके लिए सर्वोपरि था शायद इसीलिए वह जन-जन के कवि बन पाए और आजाद भारत में उन्हें राष्ट्रकवि का दर्जा मिला । रामधारी सिंह दिनकर, केवल कवि ही नहीं बल्कि एक राष्ट्रभक्त भी थे ।
रामधारी सिंह दिनकर की देशभक्ति की कविताएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी रचना के समय थी । वह हिंदी साहित्य के एक ऐसे अनमोल मणि रहे हैं, जिन्होंने युवाओं को हिंदी साहित्य के प्रति आकर्षित किया है । उनकी कविताएं हमेशा से ही समाज को एक दर्पण दिखाने, युवाओं को साहस की भाषा सीखाने और बच्चों के सपनों को सजाने का काम करती आई है ।उनकी कविताएं समाज के हर पहलू पर कवि का पक्ष रखती हैं लेकिन देशभक्ति कविताएं मजबूती से राष्ट्रीय सर्वोपरि के मंत्र को आत्मसात करती हैं । आज उनकी जयंती के अवसर पर दिनकर जी की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक काव्य रचना रश्मिरथी का मंचन किया जा रहा है ।
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार की विशेष सचिव श्रीमती सीमा त्रिपाठी ने कार्यक्रम के दौरान स्वागत संबोधन किया ।
दिनकर की रचना “रश्मिरथी ” ‘महाभारत के प्रसिद्ध पात्र कर्ण के चरित्र की विशेषताओं पर आधारित है । कथागायन शैली में इस महाकाव्य को मंच पर प्रस्तुत किया गया। रंग संगीत में इन कविताओं को पिरोया गया , इसमें हर कलाकार कथावाचक है और हर कलाकार एक पात्र भी है । राष्ट्रकवि दिनकर जी ने रश्मिरथी के माध्यम से समाज के उपेक्षित एवं प्रतिभावान् मनुष्यों के स्वर को बाणी दी है । इसमें जन्म, वर्ण, कुल आदि के नाम पर समाज में किए जा रहे व्यक्तित्व हनन का परिणाम दिखलाया है । यदि कर्ण को बचपन से यथोचित सम्मान प्राप्त होता तो वह कदाचित् कौरवों का साथ न देता और सम्भवतः महाभारत का युद्ध भी न होता । रश्मिरथी में दिनकर ने कर्ण की महाभारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और विश्वसनीयता की नयी भूमि पर खड़ा कर उसे गौरव से विभूषित कर दिया है। रश्मिरथी में दिनकर ने सारे सामाजिक और पारिवारिक सम्बन्धों को नये सिरे से जाँचा है । चाहे गुरु-शिष्य सम्बन्धों के बहाने हो, चाहे अविवाहित मातृत्व और विवाहित मातृत्व के बहाने हो, चाहे धर्म के बहाने हो, चाहे छल-प्रपंच के बहाने। युद्ध में भी मनुष्य के ऊँचे गुणों की पहचान के प्रति ललक का काव्य है ‘रश्मिरथी।
‘रश्मिरथी यह भी सन्देश देता है कि जन्म-अवैधता से कर्म की वैधता नष्ट नहीं होती।अपने कर्मों से मनुष्य मृत्यु-पूर्व जन्म में ही एक और जन्म ले लेता है। अन्ततः मूल्यांकन योग्य मनुष्य का मूल्यांकन उसके वंश से नहीं, उसके आचरण और कर्म से ही किया जाना न्यायसंगत है। वरिष्ठ रंगकर्मी संजय उपाध्याय के संगीत, परिकल्पना एवं निर्देशन में इस नाटक की प्रस्तुति निर्माण कला मंच,पटना के द्वारा की गई । कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को प्रतीक चिह्न और अंगवस्त्र भेट किया गया ।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed