गंगा नृत्य नाटिका के जरिये गंगा को स्वच्छ रखने की अपील : श्वेता सुमन
गंगा नृत्या नाटिका के जरिये सामाजिक चेतना का प्रयास कर रही हैं श्वेता सुमन

पटना | ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव और कृष्णा कलायन कला केंद्र की निदेशक श्रीमती श्वेता सुमन ने गंगा में प्रवाहित शवों के ऊपर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से निवेदन किया है कि शिव वाहिनी गंगा को शव वाहिनी गंगा न बनाये, गंगा केवल नदी नही बल्कि सनातन संस्कृति की प्रतीक है।

श्रीमती श्वेता सुमन अपने निर्देशन में गंगा नृत्य नाटिका के माध्यम से सामाजिक चेतना के लिए सांस्कृतिक प्रयास करती आ रही हैं। वह नई पीढ़ी को सनातन संस्कृति से जोड़े रखने के लिए सांस्कृतिक अभियान ,जल संरक्षण ,पर्यावरण संगरक्षण, भ्रूण हत्या,बेखौफ आज़ाद जीने दो, महिला सुरक्षा आदि विषयों पर नृत्य नाटिकाओं का निर्देशन कर चुकी हैं। इसी कड़ी में गंगा नृत्य नाटिका के माध्यम से गंगा को स्वक्ष रखने की अपील की गई है।

श्वेता सुमन ने कहा कि मोक्ष प्रदायिनी माँ गंगा केवल नदी नही भारतीय संस्कृति की प्राण है, जिसे हमारे सनातन संस्कृति में माता का स्थान दिया गया है तो इस वरदान को हम अपने हाथों से अभिशाप न बनने दें। नाटिका में गंगा अवतरण,मातृ स्वरूप ,गंगा प्रदूषण,स्वक्ष गंगा के लिए जन जागृति एवं अंत में स्वक्ष गंगा की परिकल्पना एवं आरती दिखलाई गयी है। उन्होंने कहा कि आज समय गंगा की पीड़ा को समझने की और उसे स्वक्ष रखने की है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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