पटना, सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये डॉक्टर अनिल कुमार को डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सम्मान 2022 से सम्मानित किया है।
दीदीजी फाउंडेशन ने हाल ही में राजधानी पटना में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सम्मान का आयोजन किया था, जिसमें अलग-अलग विधाओं में निपुण 51 शिक्षकों को सम्मानित किया गया था। डॉक्टर अनिल कुमार को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये को मोमेंटो और सटिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने बताया कि डॉ अनिल कुमार को यह सम्मान शिक्षा के प्रति निस्वार्थ एवं निशुल्क सेवा करने के उद्देश्य से मिला है। डॉक्टर अनिल शिक्षा में कठोर अनुशासन तथा नवाचार के लिए जाने जाते हैं। वह भूगोलविद्, शिक्षाविद् , समाज वैज्ञानिक, मानवशास्त्री, इतिहासकार, मनोवैज्ञानिक, साहित्यकार, तथा जय वैज्ञानिक रहे हैं। अध्ययन तथा अध्यापन के क्षेत्र में उनकी पकड़ बहुआयामी रही है। वह सेवा के साथ समाज सेवक भी हैं। उनके 35 शोध पत्र तथा पांच किताब प्रकाशित हो चुकी है। वह कुशल लेखक भी हैं। वह एक कुशल वक्ता एवं नेक दिल संवेदनशील इंसान हैं। वह अभी प्लस 2 आरकेआरभी विद्यालय मोदन गाछी मोकामा में पीजीटीभूगोल के रूप में पदस्थापित हैं। उन्हें युवा वैज्ञानिक अवार्ड लंदन से भी मिल चुका है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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