पटना, 24 जून: कोविड-19 के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों के आलोक में सामाजिक संगठनों के क्षमतावर्धन को लेकर घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ (जीपीएसवीएस) द्वारा वेल्ट हंगर हिल्फ एवं यूरोपियन यूनियन के सौजन्य से एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पटना स्थित ए.एन. सिन्हा इंस्टीट्यूट में आयोजित इस कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन श्रम संसाधन विभाग के मंत्री संतोष कुमार सिंह द्वारा किया गया।
इस मौके पर श्रम मंत्री ने संस्था द्वारा बिहार में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को लेकर तैयार किए गए नीतिगत दस्तावेज का विमोचन किया गया। संतोष कुमार सिंह ने जीपीएसवीएस द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के हित में अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं और बिहार प्रवासी मजदूरों को सुविधा दिलाने में अग्रणी राज्य है। साथ ही, उन्होंने सरकार एवं सामाजिक संगठनों के बीच परस्पर समन्वय स्थापित कर प्रवासी श्रमिकों के लिए सुरक्षित प्रवासन एवं सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया।
कार्यशाला में बेल्ट हंगर हिल्फे की प्रोजेक्ट हेड अपर्णा लाल ने बिहार में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति विषयक नीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रवासी मजदूरों की जिंदगी बेहतर बनाने हेतु कार्य करना चाहिए ताकि उनका जीवन खुशहाल हो सके। जीपीएसवीएस के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी के प्रचार प्रसार हेतु व्यापक जन अभियान चलाया जाएगा।
दो अलग-अलग तकनीकी सत्रों में विभिन्न संस्थाओं से आए विषय विशेषज्ञों द्वारा आजीविका के विकल्पों तथा सुरक्षित प्रवासन एवं प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की गई।
पटना विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डाॅक्टर अविरल पाण्डेय द्वारा प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुति की गई। वही एडिशनल लेबर कमिश्नर आदित्य राजहंस ने श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. राजेश पांडे ने चिकित्सा संबंधी कार्यक्रम जैसे आयुष्मान भारत कार्ड सहित अन्य योजनाओं की चर्चा की।
कार्यशाला में सुपौल से आए प्रवासी श्रमिक वंश नारायण मेहता ने बताया कि संस्था द्वारा उन्हें कोविड काल में कौशल विकास का जो प्रशिक्षण मिला, उससे आज वे आत्मनिर्भर और खुशहाल हैं। आज वे ट्रेनर बनकर अन्य लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं, अन्य प्रवासी श्रमिकों मुनचुन, दीपेश राय आदि ने श्रम मंत्री के समक्ष संस्था के कार्यों को साझा किया।
कार्यक्रम के दौरान जीपीएसवीएस कर्मियों अर्चना कुमारी, अजय झा, प्रशांत कुमार सिंह, मो.अताउल्ला, अंजू रेमी, साकिब आलम, मोनी कुमारी, साधना, शोभा कुमारी सहित समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों के अलावा सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।
