कभी कभी इंसान सही और गलत के तराजू में भटक जाता है और फिर सोचता है कि सही के साथ गलत क्यों होता है । समाज कहता कुछ है और करता कुछ है। पर जितना पूर्वजों से सुना है सच की जीत होती है , शायद थोड़ा या ज्यादा समय लगे। ये कविता इसी विषय पर आधारित है। आप सबसे अनुरोध है कि आपने विचार कमेंट बॉक्स में प्रकट करें ।

सही गलत में , मैं उलझ गया,

समझ न पाया, क्या सही , क्या गलत।

अगर सही सही है, तो  सही के साथ क्यू गलत।

गलत अमीर , सही गरीब,क्या समझू सही सही या सही गलत।

 

अगर सही सही तो रास्ता इतना कठोर क्यों,

हर मोड़ पर, मिलता क्यू, इतना अफसोस क्यों,

क्या बोलूं सही सही या सही गलत।

या फिर ये समझूँ, सही बड़ा अनमोल है,

इसका न कोई तोल है,

खरीदार नहीं, सही को खरीदने के लिए,

सफर लंबा है, चलने के लिए।

By The Ankit Paurush Show

Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

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