पटना 02 अक्टूबर 2022 : जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बिहार के कृषि मंत्री के इस्तीफे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें गोडसेवादी बताया और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मंत्री बनने के बाद से ही भाजपा के इशारे पर बिहार की सरकार को अस्थित करने में लगे थे। पप्पू यादव ने ये भी कहा कि ऐसे लोगों से ही राजद सुप्रीमो लालू यादव अगर न घिरे होते तो आज वे प्रधानमंत्री होते।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमानदार बताया और कहा कि सुधाकर सिंह खुद चावल घोटाले में जेल जा चुके हैं और वे नैतिकता की बात करते हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अपील करते हुए कहा कि अगर मजबूत और स्थिर सरकार के लिए ऐसे लोगों का इस्तीफा ले लेना चाहिए। किसी भी कीमत पर ऐसे मंत्री को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। अगर यह इस्तीफा स्वीकार नही हुआ, तो सरकार की अविश्वशनीयता बढ़ेगी और भाजपा नीतीश कुमार पर हमलावर होगी।

पूर्व सांसद ने आगे कहा कि सुधाकर सिंह 4 सालों तक गोडसे की गोद में खेले। भाजपा की गोद में पले बढ़े। चावल घोटाले में जेल में रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अविलंब सुधाकर सिंह जैसे लोगों का इस्तीफा स्वीकार करें। वे जिस दिन से मंत्री बने हैं, तब से उनकी मंशा सरकार को अस्थिर करने की रही है। इसमें भाजपा की पूरी भूमिका है। इसलिए ऐसे लोगों को नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए,

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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