प्रोजेक्ट चीता के 2 साल: आसान नहीं रहा सफर: भूपेंद्र यादव

परियोजना का अवलोकन:

  • तारीख: 17 सितंबर 2024
  • मंत्री: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

परियोजना की उपलब्धियाँ:

  1. प्रारंभ और उद्देश्य:
    • ‘प्रोजेक्ट चीता’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित किया गया था, जिसका उद्देश्य लुप्त हो चुके चीते की प्रजाति को भारत में पुनः स्थापित करना है।
    • यह परियोजना वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों की पुनर्स्थापना के प्रयासों में एक अग्रणी कदम है।
  2. चीता स्थानांतरण:
    • अब तक 20 चीतों को भारत लाया गया है: सितंबर 2022 में 8 चीतों का पहला जत्था नामीबिया से और फरवरी 2023 में 12 चीतों का दूसरा जत्था दक्षिण अफ्रीका से।
    • भारत में चीतों की कुल संख्या अब 24 है, जिसमें 17 शावक शामिल हैं।
  3. उल्लेखनीय घटनाएँ:
    • वर्ष 2023 में, चीता शावकों का जन्म हुआ: नामीबियाई चीता आशा और ज्वाला ने जनवरी में तीन-तीन शावकों को जन्म दिया, जबकि दक्षिण अफ्रीकी चीता गामिनी ने मार्च में छह शावकों को जन्म दिया।
    • इस दौरान आठ वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है, जिनमें से दो वयस्क चीतों की मौत इस वर्ष हुई।
  4. चुनौतियाँ और आलोचनाएँ:
    • चीते अभी भी बाड़ों में ही रह रहे हैं, क्योंकि जंगल में उनकी उपस्थिति सीमित रही है।
    • तेंदुओं की अधिक जनसंख्या और शिकार की कमी जैसी समस्याएँ सामने आई हैं।
    • कई वन्यजीव विशेषज्ञ और संरक्षणकर्ता परियोजना के प्रबंधन और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं।

भविष्य की योजनाएँ:

  1. नए स्थानांतरण प्रयास:
    • अफ्रीका से नए चीते लाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें केन्या और अन्य अफ्रीकी देशों से चीते लाने की योजना है।
    • गुजरात के बुन्नी घास के मैदानों में एक संरक्षण प्रजनन केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
  2. आवास प्रबंधन:
    • गांधीसागर और कुनो में चीतों के लिए अधिक उपयुक्त आवास बनाने की दिशा में प्रयास जारी हैं।
    • मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़े चीता आवासों की स्थापना की योजना है।
  3. विज्ञापन और शिक्षा:
    • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने प्रोजेक्ट चीता पर एक वेब सीरीज बनाने की मंजूरी दी है, जिससे परियोजना के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके।

समापन टिप्पणी:

  • प्रोजेक्ट चीता अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, और इसके सफल कार्यान्वयन के लिए बेहतर समन्वय, पारदर्शिता और प्रभावी आवास प्रबंधन की आवश्यकता है।
  • इस परियोजना की सफलता न केवल भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि वैश्विक संरक्षण प्रयासों के लिए भी एक प्रेरणा है।

By Aware News 24

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