पटना, अक्टूबर 6, 2022: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज सोशल मीडिया के जरिए नीतीश कुमार पर करारा हमला किया. अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि हमारे इलाके में एक शब्द चलता है ‘गल थेथरही’ करना। नितीश कुमार जी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।

उन्होंने लिखा कि पिछले साल से ही नगर विकास विभाग और एडवोकेट जनरल के कहने के बावजूद उन्होंने कोई चिंता नहीं की। निकाय चुनाव का सबसे आसान तरीका मध्य प्रदेश की तरह विधानसभा में एक संकल्प लाकर ,आरक्षण के अधिकार का कागज बनाकर चुनाव कराना था।

मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए उन्होंने लिखा कि जब मानसिकता चुनाव कराने के बजाए नगर निकाय मे आने वाले धन को लूटने की हो, तब चुनाव जितना देर हो सके, उसी में तो फायदा है।

‘गल थेथरही’ के सबसे बड़े उदाहरण हैं नीतीश कुमार

हाई कोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में दिए गए निर्णय के खिलाफ नितीश कुमार जी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। भाई वाह!!!!! अर्थात अपनी गलती न मानते हुए अभी भी आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के नियमानुकूल लागू करने के बजाए मानसिकता केवल लटकाने, अटकाने और भटकाने की है।

नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने लिखा कि कल गांधी मैदान मे मुख्य अतिथि के आते ही सत्तर फुट का रावण भी धराशायी हो गया क्योंकि उसने देखा कि उससे भी ज्यादा अभिमानी व्यक्ति सामने खड़ा है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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