वीर जवानों की शहादत और कुर्बानियों के कारण आजादी मिली : रागिनी रंजन
नयी दिल्ली, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए संकल्पित विश्वस्तरीय संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) का नया वेबसाइट लांच कर दिया गया है। जीकेसी के सौजन्य से आजादी के अमृत महोत्सव के शुभांरभ के अवसर पर आयोजित परिसंवाद ‘ भारतीय सशस्त्र सेनाएं – राष्ट्र का गौरव’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर (जीकेसी) का नया वेबसाइट लांच करने के साथ ही जीकेसी के ऑनलाइन सदस्यता अभियान की भी विधिवत शुरूआत की गयी। कार्यक्रम की शुरूआत जीकेसी राजस्थान कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विकास सक्सेना के साथ सभी लोगों ने जन-गण- मन गीत प्रस्तुत कर की। इसके बाद बहुप्रतीक्षित जीकेसी के नये वेबसाइट का अनावरण ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने किया जबकि जीकेसी के ऑनलाइन सदस्यता अभियान की शुरूआत जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने की।ऑनलाइन सदस्यता अभियान का शानदार आगाज जीकेसी डिजिटल- प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा, जीकेसी राजस्थान के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना और जीकेसी कर्नाटक के अध्यक्ष डा. कुमार मान्वेन्द्र ने किया। कार्यक्रम का शानदार संचा

लन अनुराग सक्सेना ने किया। उन्होंने देश-प्रेम की भावना से ओतप्रोत कविताओं के माध्यम से लोगों में देशभक्ति की उर्जा भरने का संचार किया। कार्यक्रम में सह संचालक की भूमिका में बिहार कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अखौरी योगेश कुमार मौजूद थे।परिसंवाद सत्र में मेजर जनरल अनुज माथुर ने युद्द के संस्मरण साझा किये। उन्होंने भारतीय सेना के शानदार सफर पर अत्यंत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति दी। वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टेन आशीष अम्बष्ठा एवं नौसेना अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने भी अपने कार्यकाल एवं लड़े गए युद्ध के अनुभव पर चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन पूर्व सैनिक राजकुमार सक्सेना ने दिया।

ऑनलाइन जीकेसी सदस्यता अभियान की शुरूआत

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि भारतीय सेना के तीनों अंगों का अतुलनीय योगदान हम कभी भूल नहीं सकते। ब्रिगेडियर उस्मान , स्क्वॉर्डन लीडर निर्मलजीत सिंह शेखों एवं नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी एम एन मुल्ला की शहादत ने इस देश का मान बढ़ाया और उनकी वजह से हम एवं हमारी सीमायें सुरक्षित हैं। देश की आजादी में अनेक वीर सपूतों ने अपनी शहादत दी है। उन सभी महान विभूतियों की संघर्ष गाथा एवं शहादत सदैव हमारे लिये प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि वीर जवानों की शहादत और कुर्बानियों के कारण ही हम सबों को आजादी मिल सकी है। पूरा देश वीर जवानों की वीरता, साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है।हर भारतीय शहीद का कर्जदार है।


कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत गीत गाकर लोगों ने समां बांध दिया। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में सारेगामापा की रनर अप शालिनी श्रीवास्तव, झारखंड कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध गजल गायिका मृणालिनी अखौरी ,आस्था सक्सेना, कला- संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के उपाध्यक्ष दिवाकर वर्मा ,विकास सक्सेना, पुल्कित सक्सेना और बाल कलाकार सरनावो प्रीतीश शामिल रहे। जीकेसी के नये वेबसाइट निर्माण में जीकेसी डिजिटल-तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा, डिजिटल तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव, डिजटिल तकनीकी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव, हेमंत कुमार, रूपेश वर्मा, सूरज श्रीवास्तव, उपासना सहाय, उत्कर्ष आनंद और अभिमन्यु श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

सेना के तीनों अंगों का राष्ट्र आभारी : राजीव रंजन प्रसाद

जीकेसी के नये वेबसाइट पर प्रकाश डालते हुये जीकेसी डिजिटल-तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा ने बताया आप सभी चित्रांश बंधुओं को यह सूचित करते हुए काफी हर्ष हो रहा है कि आज जीकेसी के अधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ हुआ।
वेबसाईट के माध्यम से कायस्थ समाज और ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ हीं आज से “जीकेसी डिजिटल मेंबरशिप कैंपेन” की भी अधिकारिक तौर पर शुरुआत हो गई।आप सब जीकेसी से जुड़ें और दूसरों को भी जोड़ें, और एक मजबूत कायस्थ संगठन बनाकर कायस्थ समाज को मजबूत करने का काम करें।

#GlobalKayastha #UnitedKayastha
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जीकेसी मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि जीकेसी के नये वेबसाइट पर जीकेसी के कार्यक्रम से जुड़ी सभी खबर और कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि वेबसाइट में आने वाले दिनों में मेट्रोमोनियल और जॉब पोर्टल को भी शामिल किया जायेगा। इस अवसर पर जीकेसी के सभी प्रकोष्ठो के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने जीकेसी के नये वेबसाइट बनने और ऑनलाइन सदस्यता अभियान की शुरूआत पर बधाई और शुभकामनाएं दी।

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