हालांकि अब एक बार फिर स्टारशिप रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। बुधवार को एक ट्वीट में एलन मस्क ने इशारा दिया कि कंपनी 6 से 8 सप्ताह बाद एक और लिफ्टऑफ की तैयारी कर रही है। मस्क के बातें कितनी सही साबित होती हैं, यह आने वाले वक्त में पता चलेगा, क्योंकि पहली विफलता में स्पेसएक्स की लॉन्च साइट को भी काफी नुकसान हुआ था। लॉन्च साइट पर गड्ढे हाे गए थे। साइट को फिर से ठीक करने में कई महीने लगने की बात सामने आई थी।
यही नहीं, स्पेसएक्स के लॉन्च की काफी अलोचना भी हुई थी। पर्यावरण समूहों के ग्रुप एक ग्रुप ने अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) पर मुकदमा किया हुआ है। ग्रुप का मानना है कि FAA ने रॉकेट लॉन्च की वजह से होने वाले नुकसान का पूरी तरह से विश्लेषण नहीं किया।
क्या है स्टारशिप
स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसके मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है। माना जाता है कि स्टारशिप रॉकेट के जरिए ही एक दिन इंसान, मंगल ग्रह तक का सफर तय करेगा।