इस एस्‍टरॉयड में नमक है! वैज्ञानिकों ने की बेहद अनोखी खोज, जानें इसके बारे में

जब वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में पानी की मौजूदगी के सबूत मिल सकते हैं, तो नमक क्‍या चीज है! रिसर्चर्स ने एक जापानी स्‍पेसक्राफ्ट द्वारा पृथ्‍वी पर लाए गए एक एस्‍टरॉयड (Asteroid) के सैंपल में नमक (सोडियम क्‍लोराइड) के क्रिस्‍टल की खोज की है। जापान के हायाबुसा मिशन ने साल 2005 में एस्‍टरॉयड इटोकावा (Itokawa) से एक सैंपल कलेक्‍ट किया था। सैंपल को साल 2010 में पृथ्‍वी पर लाया गया था। इसका विश्‍लेषण करने के बाद नमक के जो क्रिस्‍टल मिले हैं, वह वैसे ही दिखते हैं, जैसे घर में इस्‍तेमाल होने वाले नमक के क्रिस्‍टल होते हैं।  

यह अपनी तरह का पहला शोध है, जो बताता है कि पृथ्‍वी पर नमक के क्रिस्‍टल इसके पैरंट एस्‍टरॉयड से आए थे। इटोकावा एक एस-टाइप का एस्‍टरॉयड है। ऐसे उल्‍कापिंड और एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी पर पूर्व में पाए जाते रहे हैं। 

पिछले साल एक स्‍टडी से यह भी पता चला था कि पृथ्‍वी पर पानी एस्‍टरॉयड से आया हो सकता है। रिसर्चर्स ने एस्‍टरॉयड रयुगु (Ryugu) के पृथ्वी पर लाए गए सैंपलों की जांच के बाद यह निष्‍कर्ष निकाला था। इन सैंपलों को भी जापान के स्‍पेसक्राफ्ट हायाबुसा -2 (Hayabusa-2) ने जुटाया था। 

रिसर्चर्स का मानना है कि पृथ्वी, सोलर नेबुला के इनर क्षेत्र में बनी है, जहां तापमान बहुत अधिक था। इसका मतलब है कि  पृथ्वी पर पानी, सोलर नेबुला के बाहरी इलाकों से आना था, जहां तापमान कम रहा होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि सोलर नेबुला के बाहर मौजूद धूमकेतु और एस्‍टरॉयड पानी को पहुंचाने के लिए पृथ्‍वी से टकराए।

रिसर्चर्स ने जिस सैंपल में नमक यानी साेडियम क्‍लोराइड की खोज की, वह एक धूल का कण है, जिसका व्‍यास 150 माइक्रोमीटर है। यह इंसान के बाल के चौड़ाई से दोगुना है। टीम ने इस कण का छोटा सा हिस्सा जो केवल 5 माइक्रोन चौड़ा था, उसे लेकर जांच की। 

रिसर्चर्स ने इस बात से इनकार किया कि सैंपल किसी भी प्रकार से दूषित हुआ होगा। रिसर्च शुरू करने से पहले वैज्ञानिकों ने सैंपल को अच्‍छे से परखा। वह 5 साल से सुरक्षित था। वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उन्‍हें सैंपल में जो नमक मिला है, वह इटोकावा का है।
 

By Automatic RSS Feed

यह खबर या स्टोरी Aware News 24 के कर्मचारियों द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेट फीड से प्रकाशित हुई है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी. मुकदमा दायर होने की स्थिति में और कोर्ट के आदेश के बाद ही सोर्स की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *