590 फुट का एस्ट्रॉयड 50 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से बढ़ रहा धरती की ओर! NASA ने कहा- 2 दिन बाद बड़ा खतरा!

लघु ग्रह या अंग्रेजी भाषा में, एस्टरॉयड का धरती की ओर आना लगातार जारी है। इन दिनों एस्टरॉयड, जिन्हें क्षुद्र ग्रह भी कहा जाता है, पृथ्वी के काफी नजदीक से होकर गुजर रहे हैं। ये 1500 फीट तक बड़े भी हो सकते हैं। ये चट्टानी टुकड़े सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, लेकिन इन्हें ग्रह की श्रेणी में नहीं रखा गया है, क्योंकि ये ग्रहों से काफी छोटे होते हैं, इसलिए इन्हें लघु ग्रह कहा जाता है। एस्टरॉयड के धरती से टकराने की अभी तक बहुत कम घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन ये कभी भी अपनी दिशा बदल सकते हैं। अंतरिक्ष वैज्ञानिक एस्टरॉयड की दिशा पर लगातार नजर रखते हैं। 

अंतरिक्ष एजेंसी NASA की ओर से आज 3 बड़े एस्टरॉयड के धरती की ओर आने का अलर्ट जारी किया गया है। ये एस्टरॉयड आज धरती के बेहद करीब पहुंचने वाले हैं। इनमें से एक एस्टरॉयड का साइज 1500 फीट का है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) की ओर से आज एस्टरॉयड 2023 LA के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यह 100 फीट का चट्टानी टुकड़ा है जो कुछ ही घंटों में पृथ्वी के करीब पहुंचने वाला है। जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार यह धरती से 660,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरने वाला है। लेकिन इससे ज्यादा खतरा नहीं बताया गया है। इसके साथ ही एक अन्य विशालकाय चट्टान आज धरती के करीब आ रही है। यह एस्टरॉयड 488453 (1994 XD) है जो कि 1500 फीट बड़ा है। 

एस्टरॉयड 488453 (1994 XD) धरती से 3,160,000 किलोमीटर की दूरी तक पहुंचने वाला है। ऐसे में इसका पृथ्वी के करीब आना खतरे से खाली नहीं है। इसे पहली बार 2 दिसंबर 1994 में देखा गया था। यह 1313 दिनों में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है। उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात कि यह 75,600 किलोमीटर की स्पीड से धरती की ओर बढ़ रहा है।

इसके अलावा एक तीसरा एस्टरॉयड भी पृथ्वी की ओर आज निशाना लगाए हुए है। इसका नाम 2023 LQ है। यह साइज में 72 फीट का है। जो कि एक एयरप्लेन जितना बड़ा है। जब यह सूर्य के चारों ओर कक्षा में चक्कर लगाता हुआ धरती के करीबी बिंदु पर पहुंचेगा तो दोनों के बीच की दूरी 1,560,000 किलोमीटर ही रह जाएगी। 

इतने बड़े एस्टरॉयड्स का धरती के करीब आना खतरे से खाली नहीं है। कई बार चट्टानी टुकड़े उल्का पिंड के रूप में भी धरती पर गिर जाते हैं। लेकिन ये एस्टरॉयड से काफी छोटे होते हैं। 2013 में रूस में Chelyabinsk नामक उल्का पिंड आसमान में फटा था जिसने 7 हजार ईमारतों को नुकसान पहुंचाया था। इसमें 1400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह 59 फीट साइज का था। 

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