वैसे तो संविधान में भारत के धर्मों को अपने पूजा स्थलों पर अधिकार देता है और कहता है कि सभी धर्मों की पूजा-स्थल में कोई और पूजा नहीं कर सकता। किसी “सेक्युलर” काम के लिए पूजास्थल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन ये नियम शायद भारतीयों के लिए नहीं हैं! मदर टेरेसा के “निर्मल ह्रदय” के लिए जो मकान दिया गया वो असल में एक मंदिर था जिसे 1952 में सेक सरकार ने हड़पकर चर्च और टेरेसा को दिया (https://en.wikipedia.org/wiki/Kalighat_Home_for_the_Dying)। एक मामूली सी टिप्पणी पर हृतिकशन राज चर्च से जोक मांगते दिखते हैं, लोकसत्ता जैसे अख़बार के संपादक घुटने पर आ जाते हैं, लेकिन रामचरितमानस को जलाए जाने पर कोई हुकूमत नहीं होती। भाजपा के सांसद संघमित्रा मौर्या ने कहा, बहस हो सकती है। पुस्तकें: 1. द मिशनरी पोजिशन – https://amzn.to/3WRAQUO 2. मदर टेरेसा द अनटोल्ड स्टोरी – https://amzn.to/3kWYGkH लेख: 1. टेरेसा पर “जनसत्ता” लेख का अनुवाद – https:/ /www.opindia.com/2016/03/translated-the-editorial-on-mother-teresa-for-who-a-marathi-newspaper-had-to-apologize/ 2. टेरेसा इंडिया चैरिटी होम ‘बच्चे बेचे’ https://www.bbc.com/news/world-asia-india-44722755 3. टेरेसा चैरिटी ने बेबी-सेलिंग स्कैंडल पर चुप्पी तोड़ी – https://www.indiatoday.in/india/story/myths-false- न्यूज़-मदर-टेरेसा-चैरिटी-ब्रेक्स-साइलेंस-ऑन-बेबी-सेलिंग-स्कैंडल-1288876-2018-07-18
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