हाल ही के समय में भारत के नागरिकों में “स्व” का भाव विकसित होने के चलते देश में धार्मिक पर्यटन बहुत तेज गति से बढ़ा है। अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में श्रीराम लला के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात प्रत्येक दिन औसतन 2 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह तो केवल अयोध्या की कहानी है इसके साथ ही तिरुपति बालाजी, काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक, जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर, उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमनोत्री जैसे कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। भारत में धार्मिक पर्यटन में आई जबरदस्त तेजी के बदौलत रोजगार के लाखों नए अवसर निर्मित हो रहे हैं, जो देश के आर्थिक विकास को गति देने में सहायक हो रहे हैं।
जेफरीज नामक एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज कम्पनी ने बताया है कि अयोध्या में निर्मित प्रभु श्रीराम के मंदिर से भारत की आर्थिक सम्पन्नता बढ़ने जा रही है। दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में सम्पन्न हुए प्रभु श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद स्थानीय कारोबारी अपना उज्जवल भविष्य देख रहे हैं। अयोध्या धार्मिक पर्यटन का हब बनाने जा रहा है तथा अब अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र बन जाएगा। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। जेफरीज के अनुसार अयोध्या में प्रति वर्ष 5 करोड़ से अधिक पर्यटक आ सकते हैं। अभी अयोध्या में केवल 17 बड़े होटल हैं इनमें कुल मिलाकर 590 कमरे उपलब्ध हैं। लेकिन, अब 73 नए होटलों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 40 होटलों का निर्माण कार्य प्रारम्भ भी हो चुका है। अभी तक नए एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन, टाउनशिप और रोड कनेक्टिविटी में सुधार जैसे कामों पर 85,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इस निवेश का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर दिखाई देने जा रहा है। शीघ्र ही अयोध्या वैश्विक स्तर पर धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। इससे होटल, एयरलाईन, हॉस्पिटलिटी, ट्रैवल, सिमेंट जैसे क्षेत्रों को बहुत बड़ा फायदा होने जा रहा है। भारत के विभिन्न शहरों से 1000 के आसपास नई रेल अयोध्या के लिए चलाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे देश से दिनांक 23 जनवरी 2024 के बाद से प्रतिदिन भारी संख्या में धार्मिक पर्यटक अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह हर्ष का विषय है कि पहिले दिन ही 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम के दर्शन किये हैं।
विश्व के कई अन्य देश भी धार्मिक पर्यटन के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्थाएं सफलतापूर्वक मजबूत कर रहे हैं। सऊदी अरब धार्मिक पर्यटन से प्रति वर्ष 22,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर अर्जित करता है। सऊदी अरब इस आय को आगे आने वाले समय में 35,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक ले जाना चाहता है। मक्का में प्रतिवर्ष 2 करोड़ लोग पहुंचते हैं, जबकि मक्का में गैर मुस्लिम के पहुंचने पर पाबंदी है। इसी प्रकार, वेटिकन सिटी में प्रतिवर्ष 90 लाख लोग पहुंचते हैं। इस धार्मिक पर्यटन से अकेले वेटेकन सिटी को प्रतिवर्ष लगभग 32 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आय होती है, और अकेले मक्का शहर को 12,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आमदनी होती है। अयोध्या में तो किसी भी धर्म, मत, पंथ मानने वाले नागरिकों पर किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं होगी। अतः अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5 से 10 करोड़ तक प्रतिवर्ष जा सकती है। फिर अकेले अयोध्या नगर को होने वाली आय का अनुमान तो सहज रूप से लगाया जा सकता है। अभी अयोध्या आने वाले श्रद्धालु अयोध्या में रूकते नहीं थे प्रात: अयोध्या पहुंचकर प्रभु श्रीराम के दर्शन कर शाम तक वापिस चले जाते थे परंतु अब अयोध्या को इतना आकर्षक रूप से विकसित किया गया है कि श्रद्धालु 3 से 4 दिन रुकने का प्रयास करेंगे। एक अनुमान के अनुसार, प्रत्येक पर्यटक लगभग 6 लोगों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराता है। इस संख्या के हिसाब से तो लाखों नए रोजगार के अवसर अयोध्या में उत्पन्न होने जा रहे हैं। अयोध्या के आसपास विकास का एक नया दौर शुरू होने जा रहा है। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अब अयोध्या के रूप में वेटिकन एवं मक्का का जवाब भारत में खड़ा होने जा रहा है।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने भी धरातल पर बहुत कार्य सम्पन्न किया है। साथ ही, अब इसके अंतर्गत एक रामायण सर्किट रूट को भी विकसित किया जा रहा है। इस रूट पर विशेष रेलगाड़ियां भी चलाए जाने की योजना बनाई गई है। यह विशेष रेलगाड़ी 18 दिनों में 8000 किलो मीटर की यात्रा सम्पन्न करेगी, इस विशेष रेलगाड़ी के इस रेलमार्ग पर 18 स्टॉप होंगे। यह विशेष रेलमार्ग प्रभु श्रीराम से जुड़े ऐतिहासिक नगरों अयोध्या, चित्रकूट एवं छतीसगढ़ को जोड़ेगा। अयोध्या में नवनिर्मित प्रभु श्रीराम मंदिर वैश्विक पटल पर इस रूट को भी रखेगा।
केंद्र सरकार द्वारा भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगातार किए जा रहे प्रयासों का परिणाम भी अब दिखाई देने लगा है। “मेक माई ट्रिप इंडिया ट्रैवल ट्रेंड्स रिपोर्ट” के अनुसार, भारत के नागरिक अब पहले के मुकाबले अधिक यात्रा कर रहे हैं। भारत के नागरिकों द्वारा विशेष रूप से अयोध्या, उज्जैन एवं बदरीनाथ जैसे आध्यात्मिक स्थलों के बारे में अधिक जानकारी हासिल की जा रही है। उक्त जानकारी “मेक माई ट्रिप” के प्लेटफार्म के 10 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं से प्राप्त जानकारी के आधार पर सामने आई है। वर्ष 2019 के बाद से भारत में एक वर्ष में तीन से अधिक यात्राएं करने वाले लोगों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार, आध्यात्मिक पर्यटन सम्बंधी जानकारी हासिल करने की गतिविधियों में वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2023 में 97 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से अयोध्या के सम्बंध में जानकारी हासिल करने सम्बंधी गतिविधियों में वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में 585 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज हुई है। इसी प्रकार, उज्जैन एवं बदरीनाथ जैसे धार्मिक स्थलों के सम्बंध में भी जानकारी हासिल करने वाले नागरिकों की संख्या में क्रमशः 359 प्रतिशत और 343 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। भारत में अब पारिवारिक यात्रा की बुकिंग भी बहुत तेज गति से बढ़ रही है। इसमें वर्ष 2022 के तुलना में वर्ष 2023 में 64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। जबकि इसी अवधि में एकल यात्रा की बुकिंग में केवल 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
उक्त जानकारी को भारत के नागरिक विमानन मंत्रालय द्वारा जारी एक जानकारी से भी बल मिलता है कि भारत में घरेलू हवाई यातायात अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है। दिनांक 21 अप्रेल 2024 (रविवार) को रिकार्ड 471,751 यात्रियों ने 6,128 उड़ानों के माध्यम से, भारत में हवाई सफर किया है। इसके पूर्व हवाई यातायात करने वाले नागरिकों की औसत संख्या, कोरोना महामारी के पूर्व के खंडकाल में, 398,579 यात्रियों की थी। इसमें 14 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
देश में धार्मिक पर्यटन में हो रही भारी वृद्धि के चलते भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में भी तेजी दिखाई देने लगी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने भारत सहित विश्व के समस्त आर्थिक विश्लेशकों को चौंका दिया है। इस दौरान, भारत में सकल घरेलू उत्पाद में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है जबकि प्रथम तिमाही के दौरान वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत एवं द्वितीय तिमाही के दौरान 7.6 प्रतिशत की रही थी। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी। जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। इसी प्रकार, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इकरा ने 6.5 प्रतिशत, एशिया विकास बैंक एवं बार्कलेस एवं प्राइस वॉटर कूपर्स ने 6.7 प्रतिशत, डेलाईट इंडिया ने 7 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। परंतु, समस्त विदेशी संस्थानों के अनुमानों के झुठलाते हुए भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 8 प्रतिशत की रही है। यह सब देश में लगातार बढ़ते धार्मिक पर्यटन एवं विभिन त्यौहारों तथा शादी जैसे समारोहों पर भारतीय नागरिकों द्वारा दिल खोलकर पैसा खर्च करने के चलते सम्भव हो पा रहा है। इससे त्यौहारों एवं शादी के मौसम में व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर होती है। जैसे दीपावली त्यौहार के समय भारत में नागरिकों के बीच विभिन्न नए उत्पादों की खरीद के लिए जैसे आपस में होड़ सी लग जाती है। भारत में लाखों करोड़ रुपए का व्यापार दीपावली त्यौहार के समय में होता है। इसी प्रकार की स्थिति शादियों के मौसम में भी पाई जाती है। संभवत: विदेशी वित्तीय संस्थान भारत में हो रहे इस तरह के उक्त वर्णित परिवर्तनों को समझ नहीं पा रहे हैं एवं केवल पारंपरिक विधि से ही सकल घरेलू उत्पाद को आंकने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए भारत की विकास दर के संबंच में विभिन्न विदेशी संस्थानों के अनुमान गलत साबित हो रहे हैं।