राष्ट्रीय दुसाध महासभा के द्वारा में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भोला पासवान शास्त्री का जन्म दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जाप राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि भोला बाबू की भद्रता, भलमनसाहत और ईमानदारी का पूरा बिहार कायल था। उन्होंने बिहार के गरीब दलित,और अल्पसंख्यकों को मजबूत आवाज दी। भोला प्रसाद शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में वे दलित और पिछड़े समाज के लोगों को मुख्यधारा में लाने का ईमानदारी से प्रयास किया। उनका मानना था कि पिछड़ा समाज शिक्षा एवं संगठन के बल पर ही मुख्यधारा में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति हो या विकास का सवाल उसमें शामिल होने के लिए शिक्षित होना बहुत ही जरूरी है।

राष्ट्रीय दुसाध महासभा के अध्यक्ष सत्येंद्र पासवान ने कहा कि भोला पासवान 22 मार्च 1968 को प्रथम वार बिहार के मुख्य मंत्री बने परन्तु 29 जून 1968 को इस्तीफा दे दिया। दूसरी बार 22 जून 1969 से चार जुलाई 1969 तक एवं तीसरी बार दो जून 1971 से नौ जनवरी 1972 तक, बिहार में कुल तीन बार मुख्य मंत्री पद पर रहें। 1972 से 1982 तक राज्य सभा के सदस्य रहे तथा फरवरी 1973 से अक्टुबर 1974 तक केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री रहे। मौके पर जाप प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचन्द सिंह, राष्ट्रीय महासचिव राजेश पप्पू,राष्ट्रीय महासचिव भाई दिनेश, राजू दानवीर मौजूद थे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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