नेशनल एक्यूप्रेशर एसोसिएशन द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर सह स्माइल फिजियोथेरेपी चिकित्सा केंद्र का हुआ उद्घाटन

नेशनल एक्यूप्रेशर एसोसिएशन द्वारा एकदिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन सह स्माइल फिजियोथैरेपी चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन पटेल नगर रोड नंबर 6 हाउस नंबर 6 में ज्योत्सना आर्ट सेंटर के डायरेक्टर श्रीमती ज्योत्सना कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती ज्योत्सना कुमार ने बताया कि फिजियोथैरेपी और एक्यूप्रेशर आज के समय में बहुत ही जरूरी हो गया है,  जिस तरह से दवाइयों का प्रकोप बढ़ते जा रहा है। उसमें एक्यूप्रेशर एवं फिजियोथेरेपी लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह चिकित्सा केंद्र लोगों की मदद करने में रोगों को दूर करने में कारगर साबित होगा।

वहीं, नेशनल एक्यूप्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन डॉक्टर विकास सिंह ने बताया स्माइल फिजियोथैरेपी एवं चिकित्सा केंद्र सभी तरह सभी तरह के अत्याधुनिक उपकरण एवं उपचार के नए विधियों द्वारा सभी लोगों के विभिन्न बीमारियों को कम समय में ठीक करने में स्माइल फिजियोथैरेपी चिकित्सा केंद्र काफी कारगर साबित होगा। निशुल्क चिकित्सा एवं जांच शिविर में काफी सारे लोगों ने अपना बीमारी का उपचार एवं अपने संपूर्ण शरीर का जांच क्वांटम विधि द्वारा कराया। शिविर को सफल बनाने के लिए नेशनल एक्यूप्रेशर एसोसिएशन के सभी चिकित्सक गण मौजूद थे । जिनमें नम्रता कुमारी, प्रिया प्रियदर्शनी , मंतोष कुमार, अरुण सिंह, निखिल कुमार, सुजाता सिंह, निशा कुमारी इत्यादि लोगों ने अपना योगदान दिया।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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