ये महंत कहलाते हैं और ऐसी बातें करते हैं, महिलाएं चाहे किसी भी समदाय की हो उनका सम्मान होना चाहिए। 1-2 साल से देखा जा रहा है कि हिंदू मुसलमानों को धमकी दे रहे है या मुसलमान हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं, इसमें महिलाएं ही निशाना बनती हैं, हम ऐसी शिकायतें बार-बार ले रहे हैं और उन्हें पुलिस के पास ले जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि मामले कम नहीं हो रहे हैं। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं और आम लोग भी ऐसी घटनाओं को प्रोत्साहित करते हैं, एक खास समुदाय की महिलाओं के साथ बलात्कार के बारे में सार्वजनिक रूप से इस तरह की बात करने वाले लोग स्वीकार्य नहीं हैं। हमने आज ही UP के DGP को लिखा है चाहे वे धार्मिक संत हों या कोई भी,कार्रवाई होनी चाहिए: सीतापुर में महंत वाली घटना पर NCW अध्यक्ष
यूपी में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए लोग धर्म की आड़ में तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं, जिससे समाज में लोगों को बांटने का काम किया जा सके। ऐसे ही एक मामला सीतापुर जिले में सामने आया है। मस्जिद के सामने एक महंत ने विवादित बयान दिया है। महंत जब यह विवादित बयान दिया तब वहां पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। महंत के बयान का वीडियो सामने आया है।
नव संवत्सर पर दिया बयान
बता दें, इन महंत का नाम बजरंग मुनि दास है। यह खैराबाद क्षेत्र में अपने आश्रम बड़ी संगत में निवास करते हैं। बताया जा रहा, 2 अप्रैल को नव संवत्सर (नए वर्ष) के जुलूस के दौरान बाबा ने यह अमर्यादित टिप्पणी की थी। पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद अभी तक मामले का संज्ञान नही लिया है।
इंस्पेक्टर ने दी जानकारी
इंस्पेक्टर खैराबाद का कहना है, मामला उनके संज्ञान में आया है। उच्चाधिकारियों से वार्ता कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसपी आरपी. सिंह से जब इस मामले में बातचीत करने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
न बिगाड़े सांप्रदायिक सौहार्द
स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते 2 अप्रैल को महंत बजरंग मुनि दास खैराबाद क्षेत्र के शीशे वाली मस्जिद के सामने आए थे। यहां उन्होंने शीशे वाली मस्जिद के सामने इस तरह का आपत्तिजनक बयान दिया। महंत के बयान की हम लोग निंदा करते हैं। उनसे अनुरोध है कि इस तरह के बयान देकर सांप्रदायिक सौहार्द ने बिगाड़े। हम लोग यहां शांतिपूर्वक और सौहार्द के साथ रहते हैं।
फरवरी 2021 में भी हुआ था विवाद
बता दें, 16 फरवरी 2021 को आश्रम के निकट पड़ी जमीन पर कब्जा करने को लेकर महंत बजरंग मुनि दास और विशेष समुदाय के लोगों के बीच कहासुनी हुई थी। इस दौरान बाबा और उनके समर्थकों सहित विशेष समुदाय के लोगों बीच खूनी संघर्ष भी हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए थे। बाबा को भी गंभीर चोटें आईं थी।
उन्हें इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर लखनऊ में भर्ती कराया गया था। घटना में लोगों पर कार्रवाई न होने के चलते बाबा ने सीतापुर के सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह पर भी अपनी हत्या करवाने का आरोप लगाया था। बाबा इलाके में तनाव बिगाड़ने और चर्चा में रहने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाया करते हैं।