बाएं से ग्रैफियर का माफिया अजीत रॉयल, राकेश यादव, सुधीर सिंह और विनोद उपाध्याय।
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सत्ता बदलने के साथ ही अंडरग्राउंड अपराध करने और पुलिस के सामने शराफत को चोला पहने हुए बदमाशों की लापरवाही सामने आने लगी है। गोरखपुर जिले के टॉप टेन की सूची में शामिल माफिया अजीत रॉयल, विनोद उपाध्याय हो या फिर सुधीर सिंह, राकेश यादव ने अंडरग्राउंड क्राइम की राह ली और काले धंधे से बड़ा अंपायर खड़ा कर लिया। इन माफिया के धंधे और संपत्ति की जानकारी पुलिस ने जुटाई है और अब झाड़फूंक की कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
पता चला है कि राकेश यादव के मालिक का मुखिया एसोसिएटेड डीएम के आदेश का मामला कमिश्नर कोर्ट में चल रहा है। पुलिस उस मामले में पैरवी कर झूठा का आदेश लेने की फिराक में है। ऑर्डर ही मीट माफिया राकेश यादव के घर पर पुलिस का बुलडोजर आएगा। जेल में बंद माफिया चंदन सिंह का हनन पर भी पुलिस जांच कर रही है।
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चिलुआताल उसकी एक-एक करीबी गतिविधियों पर नजर रखता है, ताकि मार्कर हाथ लगे और आगे की कार्रवाई की जा सके। इसी तरह का माफिया अजीत रॉयल के बैंक और निजी देय कंपनी के बकाया के काम के अलावा इस अवैध कमाई से लिया गया नोएडा और नोएडा की प्रापर्टी पर भी नजर आया। पुलिस उनके दस्तावेजों को भी फाइल कर रही है। पुलिस ने मकान, जमीन से जुड़े दस्तावेज हासिल करने के लिए हैं। पुराने मामलों में सजा के साथ ही जमीन और मकान को ज़ब्त करने की भी पुलिस की तैयारी है।