पहले एक चीज खरीदना, फिर दूसरी चीज की इच्छा जगाना और इस तरह अंततः ऐसी कई चीजें खरीदना इत्थाता कर लेता हूं, किसी दिन असल में हमें अनावश्यक जरूरत भी नहीं होती, चलन एक सामान्य मानवीय व्यवहार है। कुछ साल पहले ऐसे कंज्यूमर बिहेवियर को “द ओवरस्पेंटेंट अमेरिकन” (1992) नाम की एक किताब में “डिडरो पोर्टफोलियो” कहा गया था। ये नाम एक कहानी से आया है और इस वीडियो में हम देखते हैं कि इस कंज्यूमर बिहेवियर से जुड़ी कहानी का भगवद्गीता से क्या संबंध है? भगवद्गीता में अन्वय – http://geetayan.com/bhagwad-gita-anvay-sanskrit-poetry/ गीतायन ।। गीतायन – https://amzn.to/3mp9zMZ https://www.facebook.com/anandydr https://twitter.com/anandydr https://www.instagram.com/anandydr/ #consumer #behaviour #bhagwadgeeta # #स्मॉलटॉकविथानंद
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