रिपोर्टों के अनुसार, रोशनी के ये पिलर्स सर्दियों की रात में बनते हैं, जब हवा में मौजूद लाखों बर्फ के क्रिस्टलों से लाइट टकराती है। Accuweather के मौसम विज्ञानी डेविड सैमुहेल के मुताबिक, हवा में मौजूद बर्फ के ये क्रिस्टल साइज में बहुत छोटे होते हैं और तभी बनते हैं जब तापमान शून्य से नीचे माइनस में होता है।
माइनस 10 से 20 डिग्री तापमान में यह सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं। बीते सप्ताह अमेरिका में आए बॉम्ब साइक्लोन की वजह से ज्यादातर इलाकों में तापमान माइनस में चला गया था और ‘रोशनी के पिलर्स’ दिखाई दिए थे। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। दुनियाभर में सर्दियोंं में इस तरह के ऑब्जेक्ट उभरते हैं। अमेरिका में इस बार दिख रहे रोशनी के पिलर्स पिछले वर्षों के मुकाबले ज्यादा लंबे। मौसम विज्ञानी इसकी वजह ज्यादा ठंड को मान रहे हैं।
बीते सप्ताह अमेरिका ने ठंड का कोहराम झेला। अब भी लोग इसके असर से जूझ रहे हैं। यह सब आर्कटिक से आई हवाओं का नतीजा था, जिसने अमेरिका से लेकर कनाडा तक असर दिखाया। कई शहरों में तापमान शून्य से बहुत ज्यादा नीचे चला गया। अमेरिका की चयान सिटी में तापमान माइनस 22 डिग्री तक पहुंच गया था।
अमेरिका में मौसम के इस रूप की शुरुआत आर्कटिक ब्लास्ट से हुई। इन ठंडी हवाओं ने अमेरिका के ऊपरी वायुमंडल को प्रभावित किया। इसके असर से अमेरिका की नमी वाली गर्म हवा भी ठंडी हो गई और एक खतरनाक मौसम बन गया। इसी से बॉम्ब (Bomb) साइक्लोन पैदा हुआ।
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