✍ विशेष संवाददाता
अजमेर की विश्वप्रसिद्ध दरगाह शरीफ में बुधवार (2 जुलाई 2025) को दोपहर 2 बजे के आसपास भारी बारिश के चलते एक इमारत का हिस्सा ढह गया, जिससे “छोटी उर्स” के दौरान दर्शन को आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उठ खड़ी हुई हैं।
⚠️ हादसा कैसे हुआ?
यह हादसा उस समय हुआ जब दोपहर की नमाज़ के बाद लोग धीरे-धीरे परिसर में इधर-उधर हो रहे थे। तेज बारिश के चलते छाबिली गेट के पास स्थित शाह जानी मस्जिद के निकट एक पुरानी झोपड़ी का हिस्सा अचानक ढह गया। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में पानी घुसने की खबरें हैं।
🧱 कौन जिम्मेदार?
दरगाह खदिम समिति और दरगाह अंजुमन दोनों ने इस स्थिति के लिए दरगाह कमेटी की लापरवाही और केंद्र सरकार की उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया है।
सैयद सरवर चिश्ती, जो अंजुमन के सचिव हैं, ने कहा:
“तीन साल तक ‘नाज़िम’ का पद खाली पड़ा रहा, और अब भी समिति के नौ सदस्य पद रिक्त हैं। भ्रष्टाचार व्याप्त है। न समिति कुछ करती है, न हमें करने देती है।”
🛠 प्रशासन का जवाब
हाल ही में नियुक्त नाज़िम, मोहम्मद बिलाल खान (सेवानिवृत्त बीएसएफ अधिकारी) ने हादसे को “पुरानी इमारत और भारी बारिश के संयोग” का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि—
“सीपेज की समस्या पुरानी है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान दे रही है। मरम्मत कार्य शुरू हो चुका है और जल्द ही कई योजनाओं को लागू किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में खदिमों के साथ एक बैठक भी की गई थी, जिसमें सभी चिंताओं को दर्ज किया गया था।
💬 स्थानीय समुदाय की चिंता
स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और दरगाह की ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते उचित रखरखाव नहीं हुआ, तो बड़ा हादसा हो सकता है।
🕌 दरगाह का महत्त्व
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भारत में सूफी परंपरा का एक प्रमुख केंद्र है, जहां साल भर लाखों श्रद्धालु आते हैं, विशेषकर उर्स के अवसर पर। ऐसे में इस ऐतिहासिक स्थल की देखरेख और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
🔚 निष्कर्ष
यह घटना एक चेतावनी है कि धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव में किसी भी तरह की लापरवाही श्रद्धालुओं की जान और धरोहर दोनों के लिए खतरा बन सकती है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या केंद्र सरकार और दरगाह कमेटी मिलकर इन समस्याओं का कोई स्थायी समाधान निकालती हैं या नहीं।