सत्यपाल मल्लिक को फिर से क्यों याद आया पुलवामा ?सत्यपाल मल्लिक को फिर से क्यों याद आया पुलवामा ?

हम लोग कभी कभी एक ही बात को रगड़ते रहते हैं ।

और इसी को रगड़ा कहते हैं ।

और इसी रगड़ा से उत्पन होता है झगड़ा ।

आज कल सत्यपाल मल्लिक भी इसी कार्य में संलिप्त नजर आ रहे हैं । भाई साहेब आप कहिएगा की मोदी जी को सरकार नही चलाने आता मैं मान लूंगा , आप कहिएगा मोदी जी की सरकार में महगाई बढ़ी यह भी मान लूंगा , आप जो कुछ भी कहिएगा सब मान लूंगा मगर जब आप नरेंद्र मोदी को गद्दार कहिएगा या फिर जान बूझ कर आंख मूंदने वाला कहिएगा मैं नही मान सकता, चूक हो सकती है मगर गुनाह नही , आप चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे है रोज इंटरव्यू पर इंटरव्यू दिए जा रहे है ।
भाई साहेब चल क्या रहा है आपके दिमाग में ? उस समय तो कई मीडिया हाउस, खुद मैने भी लिखा की सरकार से चूक हुई ! क्या नरेंद्र मोदी ने आपको या किसी को जेल में बन्द कर दिया ? नही ना !
अब एक दूसरे पहलू पर आते हैं क्या अपना देश इतना असुरक्षित है की सड़क मार्ग से आर्मी जा ही नहीं सकती अगर ऐसा है तो उस 56 इंची सीना रखने वाले व्यक्ति को पता नही होगा की ऐसा कुछ पाकिस्तान कर सकता है ।
अपने ही देश में कब तक हम डर की वजह से विमान से विस्थापित होंगे ? फर्ज कीजिए आपके घर में एक व्यक्ति घुस कर बैठा है जिसकी भनक आपको नही है और वो ठीक आपके घर के सीढ़ी पर बैठा है आप जैसे ही छत की ओर रुख करते हैं वो आपको गोली मार देता है ।
अब आप कहिए की इसकी सूचना तो परोसी ने पहले ही दी थी ये वो this that फलाना ढिकाना उसके बाद कहिए की उसको लिफ्ट से जाना चाहिए था 😁 सीढ़ी से नही, घर का मुखिया सर पकड़ कर डेड बॉडी के साथ बैठा है और आपकी सारी एडवाइस को सुनकर थोड़ी देर चुप रहने को बोल दे ।
फिर भी आप चिल्ला रहे है और मुखिया का धैर्य देखिए वो मौन है और अचानक उस व्यक्ति के आकाओं के घर में घुस कर सबको मार गिराता है ।
फिर समय और गुजरता है,
                                      लंबा अरसा गुजरने के बाद भी जिस आदमी को चुप रहने को कहा गया था जब मातम का वक्त था तब ।
आज वही आदमी फिर से उठ खड़ा होता है, और कहता है सब मुखिया की गलती थी, साथ में यह भी कहता है की बंदूक बाज के आंका यह सच है कि पड़ोसी मुल्क से आए थे । अरे भाई कहना क्या चाहते हो गलतियां होती है यह कोई गुनाह नहीं, अपना घर है कभी लिफ्ट तो कभी सीढ़ी से जाएंगे । लिफ्ट भी कभी कभी टूट जाता है और जिस तरह से हेलीकॉप्टर क्रैश, विमान क्रैश की घटनाएं उस वक्त हो रही थी, वो महीना आपको याद है ! फरवरी का था कोहरा वोहरा तो रहता होगा या मौसम साफ था ? पैदल अपने ही घर में घूमने से कब तक डरेंगे ? मल्लिक साहेब ! और जो कल नही हुआ है वही तो करने मोदी आया है।
वैसे भी जो बीत गई सो बात गई। सर पर महंगाई है, अर्थव्यवस्था है, इन सब पर भी कभी कभी सरकार से पूछ लिया करो। बाद बाकी दुश्मनों से कैसे निपटना है यह इस सरकार को खूब पता है। सरकार में उसके कई एक्सपर्ट बैठे हैं जिनकी जिंदगी ही बीती है उठा पटक करने में इसलिए मल्लिक साहेब ज्ञान न दे यहां सब ज्ञानी है।
बुझाता है प्रशांत किशोर को आजकल सुन रहे हैं लोग ! इसलिए एक आध लेयर कैसे कमजोड़ करे इसमें लगे हैं भक्क बुरबक ऐसे थोड़े ना टूटेगा राष्ट्रवाद का लेयर ! प्रशांत कहते हैं बीजेपी के तीन लेयर है एक हिंदुत्व दूसरा राष्ट्रवाद और तीसरा मुफ्त का राशन जो की आम लोगो तक पहुंचता हैं, इन तीनो में से कम से कम दो को हिलाना होगा, बुझाता है गरल मुर्दा उखाड़ कर ये लोग राष्ट्रवाद को हिलाना चाहते हैं पहले बीबीसी डॉक्यूमेंट्री एक सारा गला पता नहीं किस तरह का फिल्म बना देता है , फिर सत्यपाल मल्लिक पुलवामा पुलवामा चिलाने लगते है।
भारी बुरबक सब है वो आदमी भस्म रगड़ के बैठैल है ऐसे नही हिलेगा 😀 कुछ और दिमाग लगाइए और उस आदमी को सिर्फ एक व्यक्ति मेरी नजर मे इस देश में काउंटर कर सकता है और वो पीके हैं मगर उसको तो नालायक कांग्रेस वाला सब भगा दिया और आइडिया चुराया मगर जिसका औजार होता है वही उसका सही से इस्तेमाल कर पाता है चलिए कुछ और सोचिए फिर देखिए वासुदेव क्या लिखवाते हैं मुझसे आज के लिए इतना ही
धन्यवाद #shubhendukecomments

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