राज्य सरकार से (सिद्धारमैया के तहत) कल्लडका प्रभाकर भट (एक हिंदू नेता) द्वारा समर्थित और चलाए जा रहे एक स्कूल में मध्याह्न भोजन बंद करना, समानता की मांग करने वाले छात्रों के साथ खड़ी पूरी सरकार और पार्टी के लिए, हम किसी तरह आए हैं। यहां बात कर रहे हैं प्रताप सिंहा की। ************************************************** *************** प्रताप सिम्हा के नाम से कम से कम चार पुस्तकें तो हैं। हमने-आपने उनका नाम इसलिए नहीं सुना क्योंकि वो कन्नड में पुस्तकें लिखते हैं। उनकी दो पुस्तकें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर हैं – एक तो जीवनी सी है और दूसरी कहती है कि वो मुस्लिम विरोधी हैं या नहीं। उनकी एक किताब टीपू सुल्तान की स्वतंत्रता सेनानी होने पर सवाल करती है। वो पहले पत्रकार थे, और पत्रकार के रूप में वो जो स्तम्भ लिखते थे “बिटले जगत्तु” (नंगी दुनियां), उनका एक संकलन भी है। ये “बिटले जगत्तु” हिन्दुत्ववादी लेख श्रृंखला थी। वो 2014 में उडुपी से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें मैसूर से चुनाव लड़ा, कहा। चुनावों से ठीक पहले उन्होंने पत्रकार की नौकरी से “कन्नड प्रभा” से इस्तीफा दे दिया था। मैसूर से दो बार 5 लाख से अधिक मतों के साथ जीतने वाले वो पहले उम्मीदवार हैं। जाहिर है, परिधि के दौरान ऐसे स्तंभ लिखने वाला, फिल्हाल प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य, और उडुपी से देखने वाला, कर्णाटक के उडुपी से शुरू हुए बुर्का विवाद पर भी बोलेगा। उनके भाषण के बाद ऐसा लग रहा है कि बीजेपी बदल रही है। बिना योगी लाग लपेट के सीधी बात करने वाले आदित्यनाथ के बाद हमने असम से हेमंत बिस्वा शर्मा को देखा। अब मेरे ख्याल से कर्णाटक की तरफ से एक और हिंदूवादी नेता का उदय हो रहा है। बीजेपी की पुरानी पीढ़ी के डरपोक से नेता धीरे-धीरे नेपथ्य में जा रहे हैं!

Jai ho 🇮🇳 JaiHIND 🇮🇳 Sanaatan Dharm Jindabaad 🇮🇳 Hindutv ki Jai 🇮🇳 Vandemataram 🇮🇳 Bharat Mata ki Jai 🇮🇳
Jai ho 🇮🇳 JaiHIND 🇮🇳 Sanaatan Dharm Jindabaad 🇮🇳 Hindutv 🇮🇳
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