यह विज्ञापन ड्यू रेक्स कंडोम का है, लेकिन पूरे विज्ञापन में कहीं भी कंडोम का नाम नहीं है और न ही कोई यौन आकर्षण या उच्क दृश्य। केवल अंत में ड्यू रेक्स का लोगो आता है – वहां भी कंडोम लिखा नहीं है, ऐसा माना जाता है कि यह जिनको यह लोगो दिखाता है कि यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि ड्यूरेक्स एक कंडोम का ब्रांड है। एड में एक लड़का है जो है तो लड़का लेकिन लड़कियों की स्कर्ट पहनती है, गले में कोई नेकलेस भी पहनती है और ऊटपटांग हरकतें करती है जिन्को कहीं से भी बालसुलभ लीलाएँ नहीं कहा जा सकता है बल्कि एक तमाचा जड़ने का ही मन होता है। अंत में उसकी माँ उसके चेहरे के भाव से प्रकट होती है। तुरंत कारण रेक्स का लोगो स्क्रीन पर आता है और लाइन दिखाई देती है – कोई पछतावा नहीं – कोई पश्चाताप करने की आवश्यकता नहीं। बच्चे के चेहरे में किसी आरएसएस का चेहरा किसी को दिखाई दे तो वो उसकी मानसिक स्वतंत्रता है। बाकी एड तो बार बार देखने वाले हैं। वैसे, 1959 में यह ब्रांड उपलब्ध था। मज़ा आया तो खुद तक सीमित न रखें। https://www.facebook.com/anandydr https://twitter.com/anandydr https://www.instagram.com/anandydr/

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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