ऐसे कई स्थानीय व्यापारी हैं, जो आपके घरों के आस-पास ही कहीं अपनी छोटी सी दुकान सजा देंगे। बार-बार ये सेनिटेशन घर के अलंकरण के सामान की, या फिर फूल-सब्जियों की छोटी-मोटी सेनेटरी करेंगे। आपके सिग्नेशंस में कुछ सोशल मीडिया के ज़रिये कपड़े, कलात्मक कपड़ों के व्यापार से जुड़े हुए हो सकते हैं, ऐसा भी हो सकता है। देखिए, किसी बड़े एलियन ब्रांड के महंगे उत्पादों पर दिखावे में खर्च करने के बदले, क्या ऐसी छोटी जगहों से खरीदारी करके स्थानीय को बढ़ावा देना अच्छा नहीं होगा? दीपावली की खुशियाँ मनाने का मौका दें जो खुद भी दीपावली मनाएँ!

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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