अरुणी की समस्या सिर्फ लालफीताशाही नहीं होती, एक समस्या ये भी है कि वो स्वयं को सर्वज्ञ मानते हैं! जो मुखर, वही सही है… शेष जनता? उसका क्या है, जी लेगी अधिकारी के आज्ञा का पालन करते हैं! IAS स्वयं को UPSC से होने के कारण एलीट और जो राज्य लोक सेवा आयोग वाले हैं, उन्हें थोड़ा ओछा भी मानते हैं।
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