मोदी जी का राज्यसभा भाषण आपने सुन लिया होगा। उन्होंने आन्दोलनजीवी जमातों को अपने भाषण में जमकर लपेटा। भगवद्गीता के दूसरे अध्याय (41 वें श्लोक) में “व्यवसायत्मिका बुद्धि” की बात आती है। प्रधानमंत्री मोदी तय कैसे इतने हो-हल्ले, हंगामे के वबजूद बिना एकाग्रता खोये अपना भाषण पूरा कर पाए, इससे ऐसा संबंध श्लोक (भगवद् गीता 2.41, 9.30) से है। आइए देखें मोदी जी का भाषण, आन्दोलनजीवी और भगवद्गीता कैसे संबंधित हैं? गीतयन ।। गीतायन – https://amzn.to/3mp9zMZ /

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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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