महाभारत को पूरा पढ़ने का समय न भी हो तो इसके नौ सूत्र आपके जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं पहले है संन्यास की गलत मांग और हठ को समय पर रहते हुए कूट नहीं लिया तो अंत में आप मंगल हो जाएंगे जैसे कौरव हुए थे आप भले ही कितने भी बलवान हो लेकिन अधर्म का साथ देंगे तो आपकी प्रतिष्ठा महाशक्ति की शक्ति सब कुछ निष्फल हो जाएगी क्योंकि कर्ण के साथ हुआ था संतोषों को यदि आपने बहुत अवसरवादी बना दिया तो वह विद्या के प्रतिनिधि और स्वयं के सर्वनाश के रूप में अश्वत्थामा ने कभी भी किसी को को ऐसा वजन मत दें जिससे आपको अधर्मियों के आगे झुकना पड़े क्योंकि की भीष्म पितामह ने किया था संपत्ति शक्ति और सत्ता का सेवन स्वयं के नस का दर्शन करवाता है जैसा कि दुर्योधन के साथ हुआ अंधा व्यक्ति यानी पैसे लालच शराब की वजह से आज्ञा की कारण से मो बाय लालच की वजह से और कम इन पौराणिक वस्तुओं के कारण से अंग हो गया व्यक्ति अगर सत्ता को अपने हाथ में ले ले तो उसे नसीब होता है जैसा कि धृतराष्ट्र यदि व्यक्ति के पास विद्या बुद्धि विवेक के साथ बंधी हुई हो तो अर्जुन की तरह उसे सफलता मिलती है हर कम में चल कपाट करके आप हमेशा सफल नहीं हो सकते ये शिक्षा शकुनी को देखकर मिलती है नीति धर्म और कर्म का दूध पालने पर युधिष्ठिर की तरह अंत में आपको ही विजय मिलेगी इन सूत्रों से आप भी सब ले सकते हैं https://www.facebook.com/anandydr https://twitter.com/anandydr https://www.instagram.com/anandydr/

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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