विजयादशमी अक्सर पुण्य संकेतन की शुरुआत का प्रतीक है। तथाकथित प्रख्यात बुद्धिजीवी और वामपंथी धर्मयोद्धा सनातनी सभ्यता द्वारा मनाए जाने वाले हर हिंदू त्योहार में दोष निकालने की लाइन लगाते हैं। इसकी शुरुआत प्राय: दुर्गा पूजा के समय से होती है।

उन्माद की पत्रकारिता के बिच समाधान ढूंढ़ता
विजयादशमी अक्सर पुण्य संकेतन की शुरुआत का प्रतीक है। तथाकथित प्रख्यात बुद्धिजीवी और वामपंथी धर्मयोद्धा सनातनी सभ्यता द्वारा मनाए जाने वाले हर हिंदू त्योहार में दोष निकालने की लाइन लगाते हैं। इसकी शुरुआत प्राय: दुर्गा पूजा के समय से होती है।
आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद
भैया, प्रणाम। आप बहुत अच्छा कर रहे हैं। जागरण का आपका प्रयास प्रभु राम सार्थक करेंगे। मेरा प्रणाम आपको।
सुंदर