53 भगवद गीता सार अध्याय 2 श्लोक 62 गीत के साथ भगवद गीता सार चाप 2 श्लोक 62 उन विषयों की कामना उत्पन्न होती है और जब वो कामना पूरी तरह से नहीं होती तो क्रोध उत्पन होता है, जिस तरह ज्यादा खाने से भूख बढ़ती है, सोने से नींद बढ़ती है उसी तरह से जब आप अपनी इच्छा के बारे में रहते हैं तो बस उसी में फसकर रह जाते हैं और उसे ही आकृत कहते हैं, आसक्ति के बढ़ने को कहते हैं और कामना के पूर्ण ना होने पर क्रोध आता है और तब आप अपनी समझ खो देते हैं 53 भगवद् गीता सार अध्याय 2 श्लोक 62 गीत भगवद् गीता सार के साथ अध्याय 2 श्लोक 62 #भगवानुवाचः श्री भगवानुवाचः अध्याय 2 का 53वाँ श्लोक, 62वाँ श्लोक वस्तुओं अर्थात् कामनाओं का चिन्तन करने से उनमें आसक्ति होती है और आसक्ति से उन वस्तुओं की इच्छा उत्पन्न होती है। और जब वह इच्छा पूरी नहीं होती है तो क्रोध उत्पन्न होता है, जैसे अधिक खाने से भूख बढ़ती है, अधिक सोने से नींद बढ़ती है, ऐसे ही जब आप अपनी इच्छाओं के बारे में सोचते रहते हैं, तो आप बस उसमें फंस जाते हैं और उसे जाने नहीं देते। उसी को आसक्ति कहते हैं, आसक्ति के बढ़ने को कामना कहते हैं और जब कामना पूरी नहीं होती तो क्रोध आता है और फिर आप अपनी समझ खो देते हैं। #geeta #dharmkamarm #bhagwanuwaachahshloksangrah #shreemadbhagwatgeetaonshorts #shreebhagwanuwachah # Krishna #arjun #conversation #kurkshetra #कृष्ण चेतना #shreemadbhagwadgeeta #shreebhgwan #shreemadbhgwatgeetaonytshorts #dharmkamarm #awareness #geetagyan #shreemadbhagavadgita #geetasaar #ge एथागोविंदम #बागेश्वरधामबाबा #धीरेंद्रशास्त्रीबागेश्वरधाम #धर्म #बागेश्वर #शॉर्ट्स #वायरल #शॉर्ट्सवीडियो #अध्याय2 #श्लोक62 #ज्ञान #अध्यातमवीडियो #धरमकरम #गीताशॉर्ट्स #विरलध्यातमा #गुडमोर्निंग #यूट्यूबअध्यायतम #यताध्यातमशॉर्ट्स #आध्यात्मिकता #आध्यात्मिक जागृति #आध्यात्मिक #जागरूक समाचार24 https://www.facebook.com/anandydr https://twitter.com/anandydr https://www.instagram.com/anandydr/
