श्री भग्वानुवाचः 52 वा श्लोक अध्याय 2 का 61 वा श्लोक इन्द्रियों को वस मे करके , भगवान को ध्यान में रखते हुए जो तव अपने कर्म अपने कर्तव्य में रखता है जो ध्यान लगाता है उसी की बुद्धि स्थिर हो जाती है वो इस्वर और अपने लक्ष्य के करीब हो जाता है है दोस्तों अगली बार जब आप कुछ भी करें तो ये देखिएगा की वो काम आपकी इंद्रिया आपसे करवा रही है या आपका कर्म वो करवा रहा है आप खुद ही समझ जाएंगे कि श्रीकृष्ण क्या कहना चाहते हैं ! इन्द्रियों के वश में ना उन्हें अपने वश में करने पर ही आप अपनी बुधि को स्थिर कर पायेंगे मद्भगवद्गीता #गीतासार #geethagovindam #arjun #bageshwardhambaba #dhirendrashastribageshwardham #dharma #bageshwar #shorts #viral #shortsvideo #adhyay2 #verse61 #knowledge #adhyatamvideo #dharamkaram #geetashorts #viraladhyatama #goodmorning #youtubeadhyatam #ytadhyatamshorts #spirituality #spirtualawakening #spritual #smalltalk https:// www.facebook.com/anandydr https://twitter.com/anandydr https://www.instagram.com/anandydr/

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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