कयास :- एक कांग्रेस नामक पार्टी हुआ करती थी 19 वि और 20 वि सदी मे जो की 21 वि सदी के कुछ सालो बाद मे उसका भी अंत हो गया, कांग्रेस मर गई राहुल इटली चल दिये और माता सोनिया को इन सबसे दिल का दौरा पड़ा और वो भी चल बसी , ई गांधी परिवार और उनके चंद चापलूस एक सशक्त विपक्ष की संभावना को खत्म कर दिए !
(वर्ष 2011 से 2014) चलिए यहां से शुरू करते हैं क्योंकि पि के की इससे पहले की कहानी चुनावी रणनीतिकार की नहीं थी। इसलिए मोदी जी के साथ आने के बाद से यह किस्सा, तो जी मुझे पीके मे कोई दिलचस्पी नही है और न ही किसी भारतीय पि आर सिस्टम मे, किस्सा शुरू से शुरू करते हैं पिके ने मोदी से कहा था कि जो व्यक्ति जिस काम मे दक्ष है उसे वो काम दिया जाए ब्यूरोक्रेसी मे जिससे की देश मे बेस्ट मैन फॉर The बेस्ट जॉब की स्थापना हो सके और लोगो को बेहतर सरकारी सेवा मिल सके, मेरे कहने का मतलब है Bureaucrat’s ठीक ढंग से चुने जाये मतलब पुल बांधने के लिए Bureaucrat’s तो हो मगर वो Engineer न सही कम से कम सिविल डिप्लोमाधारी तो हो यहां पर हम बात कर रहें हैं लेटरल एंट्री सिस्टम (आसान भाषा में समझें तो लेटरल एंट्री के जरिए UPSC की परीक्षा पास किए बिना भी ब्यूरोक्रेसी में उच्च पद पर नियुक्ति मिल सकती है. इसे लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर हैं. विपक्ष इसे ब्यूरोक्रेसी में पिछले दरवाजे से अपने लोगों को दाखिल कराने की सरकार की चाल बता रहा है.) की और भी कुछ डिमांड थे जिसको मोदी जी ने चुनाव के बाद टाल मटोल करना शुरू किया उसके बाद पीके वहाँ से चल दिए, बकौल पि के ” मै बड़ा ही इमपेसेंस इंसान हु मुझे इन्तजार पसंद नही” प्रशांत किशोरे अपने एक निजी इंटरव्यू मे बताते हैं की जो मेरी अपेक्षा थी सरकार से उसे पूरा करने मे देरी हो रही थी इसलिए मैंने भाजपा और मोदी जी को छोड़ दिया ।
(वर्ष 2014 से 2020) दिल मे ठगा हुआ होने का अहसास लिए पि के बिहार पहुचे इसी बिच वो बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार से मिले अपनी बौखलाहट बिहार मे नीतीश कुमार को राजद के साथ जोड़ भाजपा को पटक दिया मगर जैसे ही फिर नीतीश भाजपा साथ आये, वहां भी पीके असहज हुए और समय के साथ जदयू को राम सलाम कह कर या यु कहे की पिo के0 की जुबानी की जदयू से उन्हें लात मारकर भगाया गया। इन सबके बिच वो “ममता बनर्जी” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के सम्पर्क मे थे ही उन्होंने बंगाल का रुख किया,
(वर्ष 2020 से 2022) बंगाल मे उन्होंने भाजपा को ट्रिपल डिजिट में नही पहुचने दिया जो कि पिके ने पहले भी कहा था लेकिन बंगाल जितने के बाद भी उन्हें नरेंद्र मोदी कमजोड़ नही दिखे फिर
अरविंद केजरीवाल ख़ैर ई केजरीवाल की कहानी थोड़ी छोटी है :- पर्दे के पीछे से पीके और उनके सहयोगी ही थे जिन्होंने आम आदमी पार्टी को पंजाब मे सशक्त किया । साथ ही गोवा का भी पोलिटिकल पि आर उन्ही के चेला चपाटी देख रहें थे और आगे भी उन्ही के चेला चपाटी केजरीवाल के लिए चपाती बनाते रहेंगे
बहरहाल
आगे और अभी का मतलब की 29 अप्रैल 2022:- पि के भी ये बात जानते है की 2 साल मे ना तो कोई नया संगठन तैयार करके भाजपा
को हराया जा सकता औ न ही आम आदमी पार्टी ही कुछ बड़ा कमाल कर पायेगी फिर पीके ने कांग्रेस को चुना, मोदी को पटखनी देने के लिए मगर PK अपने काम मे दखलंदाजी पसन्द नही करते पहली बात,
दुसरी बात सुना है उनका 600 पन्नो का पर्सेन्टेशन गायब हो गया है एक तो बेचारे को उसके हिसाब से काम नही करने दिए और ऊपर से उसका पर्सेंटेशन चुरा लिए और ये भी कह दिए कि ये सब हमको पहले से मालूम था !
मुझे पीके का तो पता नही मगर
आकलन :- कांग्रेस को अब हमारी आने वाली नस्ले किताबो मे पढ़ेगी और लिखा ये होगा कि एक कांग्रेस नामक पार्टी हुआ करती थी 19 वि और 20 वि सदी मे जो की 21 वि सदी के कुछ सालो बाद अंत हो गया कांग्रेस मर गई राहुल इटली चल दिये और माता सोनिया को इन सबसे दिल का दौरा पड़ा और वो भी चल बसी , ई गांधी परिवार और उनके चंद चापलूस एक सशक्त विपक्ष की संभावना को खत्म कर दिए !
क्या करना चाहिए था कांग्रेस को:- उनको पी के को पूड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए थी !
लेकिन उन्होंने ……………………………………………….
लो जी अब हो गया, कांग्रेस खत्म !
अब बात इस कहानी के नायक पि के की तो पि के 2024 के लोकसभा मे कुछ भी नही कर पाएंगे, मगर 2029 मे पीके के तरकस से कोई तीर जरूर निकलेगा , क्योंकी कहीं न कहीं पीके के साथ वादा खिलाफी हुआ है और इसका बदला पीके जरूर लेंगे बहरहाल इस लेख पर आपकी क्या प्रतिक्रिया हैं ?
मुझे कमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं बहुत बहुत धन्यवाद
नोट :- प्रशांत किशोर के कुछ पोलिटिकल पि आर इस कहानी मे वर्णित नही है जैसे की स्टैलिन के लिए और Captain अमरिंदर सिंह के लिए साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 जिसमे प्रशांत किशोर ने सपा और कांग्रेस के लिए काम किया कुछ और भी अंस छुट गये हैं जो की मुझे उतना महत्वपूर्ण नही लगा, लेकिन फिर भी अगर पाठक उसे जान्ने और पढने की इच्छा दिखाएँगे तो उसे भी अगले लेख मे सामिल किया जाएगा आप कमेंट बॉक्स मे इसकी डिमांड कर सकते हैं ।