जाप ने पप्पू यादव की रिहाई के लिए  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को भेजी 7500 पोस्टकार्ड
पटना 09 जुलाई. जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू  ने  आज पप्पू यादव की रिहाई के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी भेजी है. पटना जिले के अलग-अलग इलाकों से हस्ताक्षर अभियान चलाकर 7500 पोस्टकार्ड राष्ट्रपति महोदय को भेजी गई।  चिठ्ठी में  उन्होने राष्ट्रपति से अपील  की है कि वे राज्य सरकार की सिफारिश  कर जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की तुरंत रिहाई का निर्देश दें.  पप्पू यादव को बिहार सरकार ने आर एस एस और अस्पताल माफिया के दबाव में एक साजिश के तहत गिरफ्तार किया है। 60 दिनों से एक फर्जी मुकदमें में उन्हें जेल में रखा है।  राजेश पप्पू ने बताया कि आज पटना जी पी यो के माध्यम से राष्ट्रपति को  चिठ्ठियां भेजी गई।
     पटना महानगर अध्यक्ष सचितानन्द यादव ने चिठ्ठी सम्प्रेषित करते हुए कहा कि अभी पटना जिले में पप्पू यादव के रिहाई के लिए हमारा हस्ताक्षर अभियान जारी है। पटनावासी अपने सेवक पप्पू यादव की अविलम्ब रिहाई चाहते है। हमारा लक्ष्य पटना के एक-एक घर पप्पू यादव की रिहाई के लिए समर्थन लेना है।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू, पटना पूर्वी जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद यादव, विकास बंसी, नितीश सिंह, शशांक कुमार मोनू, नीरज कमांडो, विनय यादव, पुरुषोत्तम कुमार, श्याम देव सिंह चौहान, भानु यादव, सनी यादव, रमेश राम, रंजन गुप्ता आशीष यादव के साथ कई अन्य लोग शामिल हुए।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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