- पेट्रोल-डीजल की कीमतों के नॉर्मलाइज पर तत्काल कुछ कहना संभव नहीं।
- कोरोना से सबको अलर्ट रहना है, नहीं तो खतरा हो सकता है।
- पटना में भी गंगा का पानी घर घर पहुँचाने की व्यवस्था होगी।
पटना. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करने के दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों में राज्य सरकार ने कुछ महीने पहले ही राहत दी थी। राज्य सरकार के पास इतना संसाधन नहीं है कि इसको लेकर तुरंत कुछ कहा जाय, यह पूरे देश का मसला है। अगर कीमतें बढ़ रही है तो केंद्र सरकार जरुर इस पर सोचेगी और इस संबंध में केंद्र की ओर से ही सारी बातें सामने आयेंगी। हो सकता है कि कुछ दिनों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतें नॉर्मलाइज हों, इस संबंध में तत्काल कुछ भी कहना संभव नहीं है।
कोरोना से मृत व्यक्तियों के परिजनों को मुआवजा एवं विशेष सुविधा दिये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से लोगों की मृत्यु होने लगी तभी अप्रैल के महीने में हमलोगों ने 4 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया और उसी समय से मुआवजा दिया जा रहा है। बाद में जब केंद्र सरकार ने भी 50 हजार रुपये दिये जाने की घोषणा की तो बिहार में 4 लाख रुपए के अतिरिक्त 50 हजार रुपये भी दिये जा रहे हैं। आज कई लोगों ने बताया है कि मुआवजा नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग इन सब चीजों को देखेगा ताकि कोई मुआवजा राशि से वंचित नहीं रहे। ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। राज्य सरकार कोरोना टेस्टिंग को लेकर लगातार लोगों को प्रेरित कर रही है, यहाँ काफी लोगों का टीकाकरण किया गया है। कोरोना को लेकर अभी लोग निश्चिंत हो गये हैं लेकिन इसको लेकर सबको अलर्ट रहना होगा। प्रधानमंत्री का भी बयान आया है कि कोरोना से सबको अलर्ट रहना है, नहीं तो खतरा हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने संसद में पारित क्रिमिनल प्रोसिजियर (आइडेंटिफिकेशन) बिल के दुरुपयोग होने संबंधित सवाल का जवाब दते हुए कहा कि कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार और संसद का है। जहां तक इस कानून के दुरुपयोग के प्रश्न की बात है तो उस पर पुलिस और प्रशासन के लोग ध्यान देंगे। आज कल नई टेक्नोलॉजी आ गई है। कोई अपराध करता है तो उसके बारे में पूरी जानकारी रखनी ही चाहिये, उससे ये पता चलेगा कि कोई गड़बड़ी तो नहीं कर रहा है। जो संशोधन किये गए हैं वो केंद्र सरकार का अधिकार है। ये राज्य की बात नहीं है, जो एक्ट बनेगा वो पूरे देश के लिये है।
गंगा नदी की सफाई से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग लगे हुए हैं, समीक्षा करवाते रहते हैं। बचपन में जब हम बख्तियारपुर में गंगा नदी में नहाने के लिए जाते थे तो वहीं से पीने के लिए पानी भी लेकर आते थे। हमलोग चाहते हैं कि पानी स्वच्छ हो। गंगा जल को तीन-चार जगहों पर पहुंचाने के लिए हमलोगों ने योजना बनायी है और उस पर तेजी से काम चल रहा है। अगर इसमें सफलता मिलेगी तो पटना के लिए भी यह व्यवस्था करेंगे।
केंद्रीय राजनीति में जाने के संबध में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बातों का न कोई मतलब है और न ही कोई अर्थ है। कहां पर किस चीज को लेकर कौन क्या बोलते रहता है, हम नहीं देखते। इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत भी नहीं है।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा सत्ता में कोई इंटरेस्ट नहीं होने की बात कहे जाने सम्बन्धी सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी पार्टी चलाना उनलोगों को काम है। काई क्या सोचता है, उसमें हमको क्या हस्तक्षेप करना? जिसको जो मन करे वो करे, मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। जातिगत जनगणना के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की आपस में बातचीत हुई है, सभी लोग व्यस्त थे। उसके लिये हमलोग पहले से ही बात किये हुए हैं।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, कला संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री आलोक रंजन, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं डॉ एस सिद्धार्थ, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, पटना के जिलाधिकारी तथा वरीय पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे।