हरियाणा और गुजरात का दूसरा स्थान, शरण चाहने वालों और अवैध प्रवासन में तेजी के रुझान पर रिपोर्ट
2025 में, अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों में पंजाब का हिस्सा सबसे अधिक (38%) रहा, इसके बाद हरियाणा (33%) और गुजरात (22%) का स्थान रहा। शेष निर्वासन महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से हुए। यह रुझान पिछले दो दशकों में भारतीयों, विशेषकर पंजाबी बोलने वालों, के बीच अवैध प्रवासन और शरण चाहने वालों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है।
मुख्य खबर:
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित एक हालिया शोध पत्र के अनुसार, अक्टूबर 2001 से नवंबर 2022 के बीच अमेरिका में शरण मांगने वाले भारतीयों में 66% पंजाबी बोलने वाले थे। हिंदी बोलने वालों का हिस्सा 14% था, जबकि अंग्रेजी (8%) और गुजराती (7%) बोलने वालों का स्थान रहा। अध्ययन में 2016 के बाद भारत से अमेरिका में शरण चाहने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें पंजाबी बोलने वालों का बहुमत था।
इस साल, अमेरिका से निर्वासित भारतीयों को ले जाने वाली सभी तीन उड़ानें अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं, जिसने विवाद खड़ा कर दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगाया। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका से भारत आने वाली उड़ानों के लिए अमृतसर निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
निर्वासन की यह नवीनतम लहर चर्चा का विषय बनी है, लेकिन यह कोई नई घटना नहीं है। 2009 के बाद से, अमेरिका से कुल 15,897 अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किया गया है, जिसमें 2019 (2,042), 2020 (1,889) और 2024 (1,368) में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई। डेटा से यह भी पता चलता है कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास करने वाले भारतीयों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एक दशक पहले, अमेरिकी सीमा प्राधिकरणों ने 1,500 से कम भारतीय प्रवासियों को रोका था। 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 96,917 हो गया, जो 2024 में थोड़ा कम होकर 90,415 रहा।
धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों की भूमिका:
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई भारतीय प्रवासियों को धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों ने बेहतर अवसरों का वादा करके लुभाया, जिन्होंने उनसे ₹20 लाख से ₹1.25 करोड़ तक की रकम वसूली। जून 2024 तक, कुल 3,042 अवैध एजेंटों की पहचान की गई है, जिनमें आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक संख्या है, इसके बाद उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। पिछले चार वर्षों में, झूठे भर्ती प्रस्तावों के लिए ऐसे एजेंटों के खिलाफ 4,361 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
खतरनाक यात्राएं:
निर्वासितों के साथ हुई बातचीत से पता चलता है कि बेहतर जीवन की तलाश में कई लोगों ने जोखिम भरी यात्राएं कीं। अमेरिका पहुंचने का एक लोकप्रिय तरीका “डोंकी रूट” है, जिसमें देशों, जंगलों और समुद्रों के बीच खतरनाक मार्गों से यात्रा की जाती है, अक्सर पर्याप्त भोजन और पानी के बिना। कुछ प्रवासी पनामा और कोलंबिया के बीच डेरियन गैप जैसे मार्गों से यात्रा करते हैं, जबकि अन्य अमेरिका की उत्तरी सीमा से प्रवेश करते हैं।
निष्कर्ष:
यह डेटा भारतीय प्रवासियों के लिए अमेरिका पहुंचने के जोखिम और चुनौतियों को उजागर करता है। साथ ही, यह धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों और अवैध प्रवासन के बढ़ते रुझान पर सरकार और समाज की ओर से गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
स्रोत: लोकसभा उत्तर और अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा से प्राप्त डेटा।