केदारनाथ | 3 जुलाई, 2025:
उत्तराखंड में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण गुरुवार को प्रसिद्ध केदारनाथ तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय सोनप्रयाग से केदारनाथ की ओर जाने वाले रास्ते में मुनकती स्लाइडिंग ज़ोन पर बड़े भूस्खलन के बाद लिया गया।
📍क्या हुआ?
केदारनाथ के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग से आगे मुनकती क्षेत्र में रोक दिया गया है क्योंकि वहां भारी मलबा और पत्थर रास्ते को पूरी तरह अवरुद्ध कर चुके हैं।
पुलिस और प्रशासन के अनुसार, भूस्खलन इतना तीव्र था कि कई तीर्थयात्री गरीकुंड से लौटते वक्त उसी स्लाइडिंग ज़ोन में फंस गए।
👮♀️ SDRF ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम ने तुरंत मौके पर पहुँचकर फंसे हुए सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रूप से सोनप्रयाग पहुंचाया। किसी भी तीर्थयात्री के हताहत होने की खबर नहीं है।
⛔ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित
प्रशासन ने एहतियातन के तौर पर तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया है। जब तक भूस्खलन स्थल से मलबा हटाकर मार्ग को फिर से चालू नहीं किया जाता, तब तक यात्रा शुरू नहीं होगी।
🛠️ मार्ग बहाल करने के प्रयास जारी
PWD और प्रशासन की टीमें भारी मशीनरी के साथ मार्ग को साफ करने में जुटी हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो अगले 24 से 36 घंटों में रास्ता फिर से खोला जा सकता है।
🔎 यात्रियों के लिए सुझाव:
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केदारनाथ यात्रा पर निकले यात्रियों से अनुरोध है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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रास्ते की स्थिति जानने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग या स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क में रहें।
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मौसम बिगड़ने पर पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें।
📌 निष्कर्ष:
केदारनाथ धाम की यात्रा पर हर साल लाखों श्रद्धालु पहुँचते हैं, लेकिन हिमालयी क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता के कारण इस तरह की घटनाएँ आम हैं।
प्रशासन और SDRF की तत्परता ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया, लेकिन यह ज़रूरी है कि भविष्य में इंडिकेशन सिस्टम, रियल-टाइम वेदर मॉनिटरिंग और पूर्व चेतावनी की व्यवस्था और बेहतर की जाए।
फिलहाल श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यात्रा को रोका गया है — भक्तों से संयम और सहयोग की अपेक्षा है।