नईदिल्ली | आपको पेंशन मिलती है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि सरकार ने हाल में सेवानिवृत्त बुजुर्ग कर्मचारियों के लिए नई सर्विस शुरू की है। जी हां, दिव्यांग और बुजुर्गों को जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब कहीं भी जाने की जरुरत नहीं है। अब पोस्टमैन घर पर आकर आपका जीवन प्रमाणपत्र बनाएगा। इसके लिए आपको नजदीकी पोस्टमैन से संपर्क कर उसे सूचना देनी है। इसके बाद पोस्टमैन संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचकर डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र बनाएगा।
जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
क्या है नई योजना-इंडिया पोस्ट पेमेंट की ओर डोर स्टेप सर्विस डिजीटल लाइफ सर्टीफिकेट योजना शुरू की गई है।
इसके लिए पोस्ट इंफो एप्लिकेशन डाउनलोड कर सूचना देनी होगी या फिर घर के नजदीक स्थित डाकघर में भी इस सर्विस के लिए अप्लाई किया जा सकता है।
सवाल : कौन-कौन से डॉक्युमेंट चाहिए होंगे?
जवाब : जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार नंबर जरूरी है. इसके अलावा पीपीओ नंबर, मोबाइल नंबर डाकघर में देना होगा. पोस्टमैन आधार के माध्यम से डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र जारी करेंगे, जो खुद ही पेंशन जारी करने वाले से संबंधित विभाग या बैंक में अपडेट हो जाएगा।
सवाल : कहां से मिलेगी इसकी पूरी जानकारी?
जवाब: आईपीपीबी के माध्यम से ‘डीएलसी जमा करने के लिए डोरस्टेप सर्विस’ का लाभ लेने के लिए पेंशनभोगी ippbonline.com पर विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं. यह एक शुल्कसहित सेवा है और यह देशभर में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए उनके पेंशन खाते विभिन्न बैंक में होने के बावजूद उनके लिए उपलब्ध होगी।
आईपीपीबी के माध्यम से ‘डीएलसी की डोरस्टेप सर्विस’ का लाभ उठाने की प्रक्रिया को @Youtube(Pension DOPPW) और पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के फेसबुक पेज पर देखा जा सकता है. कोविड-19 महामारी को देखते हुए पेंशनभोगियों के लिए घर बैठे जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के संबंध में यह सेवा एक बड़ी राहत है।
सवाल:क्या राज्य सरकार के कर्मचारी भी उठा सकते हैं इस स्कीम का फायदा?
जवाब: केंद्र और राज्य सरकार के पूर्व कर्मचारी भी इस योजना का फायदा उठा सकते है. आप के बुलावे में डाकिया घर पर ही मात्र पांच मिनट में ही बायोमेट्रिक जीवन प्रमाण पत्र जारी कर देगा. इसके लिए मात्र 70 रुपये का ही भुगतान करना होगा।
सवाल: क्या गांवों में भी मिलेगी ये सर्विस
जवाब: इस सुविधा को पूरे देश में उपलब्ध कराने के लिए डीओपीपीडब्ल्यू इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (आईपीपीबी) के साथ मिलकर और इसके डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के विस्तृत नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा है. लिहाजा गांव में भी इस सर्विस का फायदा उठाया जा सकता है। पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डोरस्टेप सुविधा दी जा रही है।
सवाल: डाकिया कैसे जारी करेगा जीवन प्रमाण पत्र
जवाब: घर पर प्रमाण पत्र बनाने वाले डाकिए के पास आधार बेस्ड बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर होगा, जिसकी मदद हाथ के हाथ डीएलसी जनरेट होगा। इससे प्रमाण पत्र की आईडी मोबाइल फोन नंबर पर आएगी. तभी प्रमाण पत्र बनने के साथ पेंशनर की आइडी संबंधित विभाग के पास अपलोड हो जाएगी।
आईपीपीबी ने अपने बैंक सॉफ्टवेयर को अनुकूल बनाया है. इसके अलावा पेंशनभोगियों को डीएलसी सेवाएं डोरस्टेप पर प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के जीवन प्रमाण सॉफ्टवेयर के साथ सामंजस्य स्थापित किया है।
यह सुविधा अन्य सुविधाओं जैसे घर में बैठे हुए ही बैंक खाते से धन की निकासी आदि के अतिरिक्त है। आईपीपीबी डोरस्टेप बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने के लिए अपने राष्ट्रीय नेटवर्क का उपयोग कर रहा है।
इसमें पोस्ट ऑफिस के 1,36,000 से अधिक एक्सेस प्वाइंट्स और स्मार्ट फोन एवं बायोमैट्रिक उपकरणों से युक्त 1,89,000 डाकिये एवं ग्रामीण डाक सेवक हैं. इसके परिणामस्वरूप पूरे देश में बड़ी संख्या में पेंशनभोगी बिना बैंक शाखा गए या बैंक शाखाओं के बाहर पंक्ति में खड़े हुए बिना डाकिये/ग्रामीण डाक सेवक के माध्यम से डोरस्टेप सर्विस का लाभ उठा सकेंगे।