पटना, 11 अक्टूबर 2022 : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने आज पटना में प्रेस वार्ता कर नगर निकाय चुनाव रद्द होने के मामले में सरकार पर हमला बोला और कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार आरक्षण विरोधी है। दोनों सरकारें अति पिछड़ों को उनका हक नहीं देना चाहती है। इसलिए लगातार अतिपिछड़ों को बाबा साहब के संविधान से मिलने वाले आरक्षण के हक को एक सुनियोजित साजिश के तहत कम किया जा रहा है। अनिल कुमार ने कहा कि दोनों सरकारों को सिर्फ वोट से मतलब है और इसके लिए वे समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों का इस्तेमाल भी करते हैं। उन्होंने नगर निकाय चुनाव रद्द होने के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए इस चुनाव में शामिल हो रहे उम्मीदवारों के नुकसान की भरपाई की मांग राज्य सरकार से की है।

उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ों के आरक्षण के मामले को किसी भी राजनीतिक दल ने तब नहीं उठाया, जब बिना सुधार चुनावों की घोषणा की गई थी। लेकिन माननीय सर्वोच्च नयायालय द्वारा इस मामले में निर्णय लेने के बाद आज सभी राजनीतिक दल एक बार फिर से अति पिछड़ों के हितैषी बनने के होड में शामिल हो गए हैं। राज्य सरकार या केंद्र सरकार अति पिछड़ों को आरक्षण नहीं देना चाहती है, सिर्फ उनके हित में बात करने का दिखावा कर रही है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ों को आरक्षण के अगर सच में हितैषी है, तो सरकार अति पिछड़ों को आरक्षण दे कर पुनः चुनाव को करवाएं। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव स्थगित होने से प्रत्याशियों का काफी नुकसान हुआ है और उसकी भरपाई राज्य सरकार करें।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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