पटना | 25 जुलाई, 2025: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SVEEP) के अंतर्गत मतदाता सूची अपडेट प्रक्रिया इस समय विवादों में घिर गई है। बिहार मतदाता सूची फॉर्म विवाद में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार लगभग 21.36 लाख फॉर्म गायब हैं, जिनमें से कई पर फर्जी हस्ताक्षर पाए गए हैं।

तकनीकी लापरवाही या सुनियोजित गड़बड़ी?

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर EPIC नंबर डालने पर यह सामने आया है कि कई ऐसे लोगों के फॉर्म भरे गए हैं जो या तो मृतक हैं या जिन्होंने कभी कोई फॉर्म नहीं भरा। इससे इस बात की ओर इशारा मिलता है कि BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा मनमाने ढंग से कई फॉर्म अपलोड किए गए हैं।

इतना ही नहीं, कई लोगों के पास आयोग द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ भी उपलब्ध नहीं हैं, बावजूद इसके उनके नाम पर फॉर्म आयोग की वेबसाइट पर ‘Filled’ दिखा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि कहीं यह एक सुनियोजित फर्जीवाड़ा तो नहीं?

पत्रकारों को निशाना बनाना

इस विवाद को उजागर करने वाले कई पत्रकारों ने इस पर रिपोर्ट किया। जब वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में लोगों से बात कर रहे थे, तो चुनाव आयोग के अधिकारियों के इशारे पर उन पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

यह मानहानि का मुकदमा नहीं, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला माना जा रहा है। प्रेस संगठनों और नागरिक समाज ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

जनता का भरोसा डगमगाया

लोगों के बीच यह डर बना हुआ है कि उनके फॉर्म को बिना उनकी जानकारी के बदला जा सकता है। आयोग की वेबसाइट पर खुद जाकर EPIC नंबर से स्थिति जांचने की अपील की जा रही है। कई मामलों में लोगों ने शिकायत की है कि उनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटा दिया गया है।

आयोग की चुप्पी

चुनाव आयोग ने अब तक इस पूरे मामले पर स्पष्ट बयान नहीं दिया है। केवल यह कहा गया है कि यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

अंतिम तिथि निकट

25 जुलाई, 2025 को विशेष गहन पुनरीक्षण का अंतिम दिन है। उसके बाद संशोधन के मौके सीमित हो जाएंगे।


निष्कर्ष:

बिहार मतदाता सूची फॉर्म विवाद न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह से चुनावी प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। पत्रकारों को चुप कराने की कोशिश और जनता की शिकायतें लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय हैं।

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