नई दिल्ली | 22 जुलाई 2025:
मंगलवार की सुबह हरियाणा के फरीदाबाद में 3.2 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-NCR में भी झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 3.2 तीव्रता के भूकंप ने सुबह 6:00:28 बजे (IST) धरती को हिला दिया।
भूकंप का उपकेंद्र फरीदाबाद, हरियाणा में रहा और इसकी गहराई 5 किलोमीटर दर्ज की गई। एनसीएस ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इसकी जानकारी साझा की।
📍 भूकंप का विवरण:
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तारीख: 22 जुलाई 2025
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समय: सुबह 6:00:28 IST
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स्थान: फरीदाबाद, हरियाणा
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परिमाण (Magnitude): 3.2
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गहराई: 5 किमी
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अक्षांश: 28.29° N
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देशांतर: 77.21° E
🚨 दिल्ली-एनसीआर में भी कंपन
भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और गाज़ियाबाद जैसे एनसीआर के हिस्सों में भी हल्के स्तर पर महसूस किए गए। हालांकि, अब तक किसी प्रकार की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं है।
🗣️ एनसीएस की आधिकारिक पोस्ट
EQ of M: 3.2, On: 22/07/2025 06:00:28 IST, Lat: 28.29 N, Long: 77.21 E, Depth: 5 Km, Location: Faridabad, Haryana.
For more information Download the BhooKamp App https://t.co/5gCOtjdtw0 @DrJitendraSingh @OfficeOfDrJS @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia pic.twitter.com/cNmktjSfUH— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) July 22, 2025
📲 NCS की सलाह: ‘Bhookamp’ ऐप डाउनलोड करें
भूकंप की रियल टाइम जानकारी और अपडेट के लिए नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने ‘Bhookamp’ ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी है। यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
🔍 भूकंप क्यों आते हैं?
हरियाणा और दिल्ली-NCR भूकंपीय ज़ोन-4 में आते हैं, जो मध्यम से उच्च स्तर के भूकंपों के लिए संवेदनशील क्षेत्र है।
इस इलाके में कई छोटे-छोटे फॉल्ट लाइन हैं जिनसे समय-समय पर हल्के झटके आते रहते हैं। 3.2 तीव्रता का भूकंप सामान्यतः कम प्रभाव वाला होता है, लेकिन इसकी सतह के पास कम गहराई होने के कारण कंपन अधिक महसूस होता है।
⚠️ क्या करें जब भूकंप आए?
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किसी मजबूत मेज के नीचे छुपें।
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खिड़कियों और शीशे से दूर रहें।
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बाहर हैं तो खुले स्थान पर चले जाएं।
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लिफ्ट का उपयोग न करें।
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शांत रहें और अफवाहों से बचें।
📝 निष्कर्ष:
भूकंप चाहे छोटा हो या बड़ा, यह हमेशा एक सावधानी और सतर्कता की चेतावनी लेकर आता है।
दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में मंगलवार सुबह आया यह भूकंप भले ही हल्का था, लेकिन भूकंप संभावित क्षेत्रों में तैयार रहना जरूरी है। आपदा प्रबंधन की तैयारियों को हमेशा दुरुस्त रखना चाहिए ताकि किसी भी आपातकाल में नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।
एनसीएस और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। लोगों से आग्रह किया गया है कि वे विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें और अफवाहों से बचें।