स्मार्टफोन की वजह से एक महिला ने गंवाई आंखों की रोशनी, इन 6 टिप्स को फॉलो कर अपनी आंखों को रखें सुरक्षित

TRAI ने स्पैम कॉल्स और SMS पर रोक लगाने के लिए नए नियमों को लागू करने की तैयारी कर ली है। 1 मई से सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स अपने सिस्टम में नई टेक्नोलॉजी को लागू करने वाले हैं, जिससे स्पैम या फर्जी कॉल्स और SMS को फिल्टर किया जा सकेगा। टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फिल्टर इस्तेमाल करने की बात कही है, जिसके जरिए किसी भी यूजर के नंबर पर बैंकिंग या अन्य मार्केटिंग कंपनियों की ओर से आने वाले फर्जी कॉल्स और मैसेज को रोका जा सकेगा। 

TRAI का नया नियम 1 मई 2023 से लागू होने वाला है। इस तारीख से सभी ऑपरेटर्स नए फिल्टर को अपनी सर्विस में सेटअप करेंगे। फिल्टर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए फोन में जाने वाली फर्जी कॉल और SMS का पता लगाएगा और इसे रोकेगा। TRAI ने खुद टेलीकॉम कंपनियों को इस स्पैम फिल्टर को जोड़ने का आदेश दिया है।

एयरटेल की ओर से इस विषय में पहले ही ऐसे AI फिल्टर प्रदान करने की घोषणा की जा चुकी है। जबकि, जियो फर्जी कॉल और मैसेज के लिए AI फिल्टर लगाने की तैयारी में है। जियो ने अभी तक AI फिल्टर के लागू होने की स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है, जब TRAI ने 1 मई 2023 से इसे लागू करने का आदेश दिया है, तो जियो सहित अन्य ऑपरेटर्स नए फिल्टर को 1 मई से लागू कर सकते हैं। 

नई टेक्नोलॉजी के तहत TRAI ने 10 अंकों वाले फोन नंबर पर होने वाली प्रमोशनल कॉल्स पर भी रोक लगाने की मांग की है।

TRAI कॉलर आईडी फीचर भी लाने पर विचार कर रहा है, जिससे कॉलर का नाम और फोटो भी डिस्प्ले हो। इस संबंध में एयरटेल और जियो TrueCaller ऐप से बातचीत भी कर रहा है। हालांकि, कंपनी प्राइवेसी को देखते हुए कॉलर आईडी फीचर लागू करने से बच रही है।

इस साल जनवरी में, उद्योग निकाय COAI ने तर्क दिया था कि कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) को लागू करने को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए, बल्कि दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए वैकल्पिक रखा जाना चाहिए, क्योंकि एसोसिएशन ने नियामक ट्राई के साथ तकनीकी, गोपनीयता और लागत संबंधी चिंताओं को साझा किया है।

By Automatic RSS Feed

यह खबर या स्टोरी Aware News 24 के कर्मचारियों द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेट फीड से प्रकाशित हुई है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी. मुकदमा दायर होने की स्थिति में और कोर्ट के आदेश के बाद ही सोर्स की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *