द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) की न्यूज रिलीज में बताया गया है कि प्रोटोस्टेरॉल बायोटा नाम के सूक्ष्म जीव, यूकेरियोट्स (eukaryotes) नामक जीवों के परिवार का हिस्सा हैं। यूकेरियोट्स में एक जटिल कोशिका संरचना होती है जिसमें माइटोकॉन्ड्रिया (mitochondria) शामिल होता है, जिसे कोशिका के ‘पावरहाउस’ के रूप में जाना जाता है। जबकि न्यूक्लियस, ‘कंट्रोल और इन्फर्मेशन सेंटर’ के रूप में काम करता है।
यह खोज एक-दो साल का नतीजा नहीं है। वैज्ञानिकों ने करीब 10 साल कड़ी मेहनत की। उनके निष्कर्ष नेचर मैगजीन में पब्लिश हुए हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि प्रोटोस्टेरॉल बायोटा पृथ्वी पर सबसे पहले परभक्षी (predators) हो सकते हैं। उनके मुताबिक, इस जीव की मौजूदगी दुनियाभर के समुद्री इकोसिस्टम पर काफी संख्या में थी।
रिसर्चर्स का अनुमान है कि प्रोटोस्टेरॉल बायोटा किसी भी जानवर या पौधे के उभरने से कम से कम एक अरब साल पहले जीवित था। इनके आणविक अवशेष 1.6 अरब साल पुरानी चट्टान में पाए गए हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एएनयू से पीएचडी कर चुके डॉ बेंजामिन नेटर्सहेम ने कहा कि 1.6 अरब साल पुरानी चट्टानों में पाए गए प्रोटोस्टेरॉल बायोटा के आणविक अवशेष हमारे अपने वंश के सबसे पुराने अवशेष प्रतीत होते हैं।
वैज्ञानिक लंबे वक्त से शुरुआती यूकेरियोट्स के जीवाश्म के सबूत तलाश रहे थे। इनके जीवाश्म काफी दुर्लभ हैं, लेकिन वैज्ञानिक उनतक पहुंच ही गए। वैज्ञानिक इतना तो जान पाए हैं कि प्रोटोस्टेरॉल बायोटा बैक्टीरिया की तुलना में ज्यादा कॉम्प्लेक्स और बड़े रहे होंगे, लेकिन उनका असल आकार क्या था, अभी पता नहीं है।
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