वरिष्ठ न्यायमूर्ति तारलोक सिंह चौहान ने बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। यह समारोह रांची स्थित राजभवन में आयोजित हुआ, जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबिंद्र नाथ महतो, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मंत्री दीपिका पांडे सिंह सहित राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति चौहान का नाम सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा 26 मई 2025 को झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद के लिए प्रस्तावित किया गया था। वे इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।
न्यायमूर्ति चौहान का जन्म 9 जनवरी 1964 को हुआ था। उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से पूरी की। 1989 में उन्हें हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत किया गया था, और उन्होंने कानून के लगभग सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से वकालत की।
2014 में उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके पश्चात उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
अपने न्यायिक करियर के दौरान, 2019 में न्यायमूर्ति चौहान ने रोमानिया में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम में भी भाग लिया, जिसका उद्देश्य बच्चों की देखभाल, संरक्षण और सुधार सेवाओं से संबंधित अनुभव साझा करना था।
उनकी न्यायिक प्रतिबद्धता, अनुभव और प्रशासनिक समझ के चलते उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उम्मीद की जा रही है कि उनके नेतृत्व में न्यायपालिका और अधिक पारदर्शिता और कुशलता के साथ कार्य करेगी।
🔚 निष्कर्ष:
न्यायमूर्ति तारलोक सिंह चौहान का झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेना राज्य की न्यायिक व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनके विशाल अनुभव और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक योगदान से न्यायालय को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद की जा रही है।