अमृत महोतसव और अमृत काल किसके लिए आम जनता के लिए या फिर नेताओ और मंत्रियो के लिए  ?

1947 मे 1 डॉलर के बराबर 1 रुपया था जो की आज बढ़कर 80 के पार पहुंच गया फिर असली लुटेड़ा हैं कौन ? अंग्रेज या फिर आजादी के बाद की सरकार !

आज सुबह सुबह फोन आया हमारे घनिष्ट मित्र किशोरीलाल जी का फोन कान से लगाते ही उधर से किशोरीलाल की आवाज सुनाई पड़ती है उन्होंने कहा ” गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये” हम ने तपाक से कहा ” यह उम्मीद ना थी आपसे किशोरीलाल जी आज स्वतंत्रता दिवस है वो भी अमृत महोतसव वाला” किशोरीलाल जी झेपते हुए बोले ” अरे नहीं नहीं हमको पता हैं हम तो बस आपकी परीक्षा ले रहें थे ” मुझे भी आज किशोरीलाल जी के साथ ठिठोली करने की सूझी मैंने तपाक से पूछ दिया ” तो बताइये इन दोनों मे अंतर् क्या है ?” किशोरीलाल बोले ” लगता है फ़ोन मे नेटवर्क की समस्या है ” मैंने हस्ते हुए कहा “नेटवर्क की समस्या नहीं है चलिए हम आपको बताते हैं दोनों मे अंतर् क्या है , सबसे पहले सुनिए 26 जनवरी यानी की गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था मतलब आजाद भारत का अपना नियम और कानून हमारे देश का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं जिसको लिखने मे संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया।

अब बताते हैं 15 अगस्त पर

15 अगस्त जो की आज का दिन है तो आपको बता दू किशोरीलाल जी की आज ही के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो से हमें आज़ादी मिली और आज हम 75 वा आजादी का दिवस मना रहें हैं जिसे हिंदी मे स्वतंत्रता दिवस और अंग्रेजी मे इंडिपेंडेंस डे कहते हैं

अंतर् बुझाया किशोरीलाल जी ?

किशोरीलाल बोले ” अरे हमको सब पता था वो तो नेटवर्क नहीं था इसलिए हम आपको बता नहीं पाए वैसे आप कह रहें हैं अंग्रेजो से आजादी मिली वो सब तो ठीक है लेकिन अंग्रेज जब इतने ही बड़े लुटेड़े थे या फिर उनका साशन इतना ही खराब था फिर बड़ा सवाल यह भी तो हैं की 1947 मे रुपया की कीमत डॉलर के मुकाबले 1 रुपया बारबर 1 डॉलर हुआ करता था जो की अब न जाने क्यों 80 के पार पहुंच गया है ? असली लुटेड़ा हैं कौन अंग्रेज या आज़ादी के बाद की सरकार जिसे हमने अपने मताधिकार से चुना ? बताइये बताइये हम चुप थे लेकिन किशोरीलाल एक बार फिर तमतमा चुकें थे हमको बोले बड़का पत्रकार बनते हो जी आओ आज पान दूकान पर वही तुमको अंतर् समझायेंगे 15 अगस्त और 26 जनवरी का

अब मित्रो आप ही बताइये की आज के दिन हम जलेबी खाये की नहीं ? अमृत महोतसव और अमृत काल किसके लिए आम जनता के लिए या फिर नेताओ और मंत्रियो के लिए  ?

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