पटना, मई 31, 2021: कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीनों की हो रही बर्बादी पर अफ़सोस जाहिर करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि ऐसा कहा जाता है कि सत्ता से दूर रहने वाली कांग्रेस, सत्ता में रहने वाली कांग्रेस से कहीं ज्यादा खतरनाक होती है. आज कोरोना आपदा के इस दौर में अपनी ओछी राजनीति से कांग्रेस इस कहावत को पूरी तरह चरितार्थ कर रही है. यह इनके मानसिक दिवालियेपन का ही सबूत है एक तरफ इनके नेता रोजाना वैक्सीनों की कमी का रोना रोते हैं लेकिन दूसरी तरफ इनके ही शासित राज्य वैक्सीनों को बर्बाद करने में सबसे आगे हैं.

वैक्सीनों की कमी के आरोपों को निराधार बताते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ शिकायत करता है कि दुनिया के 10 राष्ट्रों के पास से 75% वैक्सीन है और भारत का स्थान पूरे दुनिया में दूसरा है, वहीं पोलियो का वैक्सीन लाने में 30 साल लगा देने वाली यह पार्टी हमसे शिकायत करती है कि भारत में वैक्सीन देरी से लग रही है. इन्हें यह तक नहीं पता कि अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत आज वैश्विक स्तर पर सबसे तेज वैक्सीनेशन करने वाला देश बन चुका है. वास्तव में इनके आचरण से ऐसा प्रतीत होता है कि जहां भाजपा का लक्ष्य वैक्सीनों का अधिकाधिक निर्माण है, वहीं कांग्रेस ने इनके विनाश को अपना ध्येय बना लिया है.

उन्होंने कहा कि इनका शासित राजस्थान पहले ही कोरोना वैक्सीन के साढ़े 11 लाख डोज बर्बाद कर चुका है और अब वहां कचड़े के डब्बों में वैक्सीनों के फेंके होने की बात आ रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहां के 8 जिलों के 35 वैक्सीनेशन सेंटरों पर 500 वायल में करीब 2500 से भी ज्यादा डोज तो केवल डस्टबिन में मिले हैं, जिनमें से 500 से अधिक वायल 20-75% तक भरे हुए थे. इसके अतिरिक्त इनके शासित झारखंड में सबसे अधिक 37.3 प्रतिशत वैक्सीन की बर्बादी होने की बात सामने आयी है, वहीं छत्तीसगढ़ में इन्होने 30.2% वैक्सीकनों का विनाश कर दिया.

डॉ जायसवाल ने कहा कि टूलकिट देखने के बाद से ही कांग्रेस की मंशा सवालों के घेरे में थी और अब वैक्सीनों की बर्बादी से यह साफ़ प्रतीत होता है कि कांग्रेस चाहती ही नहीं देश से कोरोना का सफाया हो. उन्होंने कहा कि कोरोना के दूसरे वेग का कांग्रेस शासित राज्यों से उठना, पीएम केयर द्वारा भेजे गये वेंटिलेटर का वहां डिब्बाबंद रहना, अधिक विकसित होने के बावजूद वहां सबसे अधिक लोगों की मौतें होना, वहां से प्रवासियों को वापस घर भेज बिहार, यूपी जैसे राज्यों में कोरोना का प्रसार करवाना, इन सबके बीच इनके नेताओं का गायब हो कोरे दुष्प्रचार में व्यस्त रहना और अब इनके राज्यों में धड़ल्ले से हो रही कांग्रेस की बर्बादी इस शंका को गहरा देती है कि देश में कोरोना का यह दूसरा आवेग संयोग है या प्रयोग.

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