2. श्रीमद्भागवत गीता : सांख्य योग दूसरे अध्याय का तीसरा श्लोक और भगवानुवाचः का दुसरा (2nd) श्लोक |



गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। आज से (सन 2022) लगभग 5560 वर्ष पहले गीता जी का ज्ञान बोला गया था। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है।
भ्गवानुवाचः श्लोक संग्रह श्रीमद्भागवत गीता से |
श्रीमद भागवत में भगवान के द्वारा कहा गया दुसरा (2nd) श्लोक |
सांख्य योग अध्याय 2 का 11 वा श्लोक और भगवान के द्वारा कहा गया 2 सरा श्लोक।
कृष्ण अर्जुन को समझा रहे हैं(सांख्य योग अध्याय 2) हे अर्जुन नपुसंकता को मत प्राप्त हो अगर तू युद्ध में आया है, तो युद्ध कर ऐसे डर मत ! तेरे जैसे धनुर्धर के लिए ये ठीक नही है | सही नही की इस डर से मन की कमजोरी दिखाओ | दोस्तों यहाँ पर श्रीक्रष्ण नपुसंकता का अर्थ शक्ति हीनता , कमजोर हो जाना , युद्ध से मुह मोड़ लेने वाली बात कर रहें हैं यानी की जो धर्म कहता है उसके अनुसार कर्म तो करना ही चाहिए स्वयम को कमजोड मान कर बात को छोड़ देना ये सही नही है ! बुडे समय में जब हमे भी आशंका सताए तो हमे भी यही बात रखनी चाहिए की मन की दुर्बलता छोड़ हमे सिर्फ उस कर्म के बारे में सोचना चाहिए जो हम करने के लिए आयें हैं |
श्रीमद भगवत गीता भगवानुवाचः श्लोकों का संग्रह #भगवानुवाचः #bhagwanuwaachah भगवानुवाचः श्लोकों का संग्रह ।

By Aware News 24

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