नई दिल्ली। उत्तर से लेकर दक्षिण तक के कई राज्यों में इन दिनों जबरदस्त बरसात हो रही है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे उत्तर भारत के राज्यों के अलावा दक्षिण के आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में भी भारी बारिश से चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। हालांकि, ज्यादातर राज्यों से मॉनसून की पिछले महीने ही विदाई हो गई थी, लेकिन उसके बाद फिर से बारिश ने दस्तक दी है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में अभी भारी बारिश से छुटकारा नहीं मिलने वाला। उधर, तमिलनाडु में अगले पांच दिनों तक तेज बरसात के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में अगले दो दिनों तक भारी बारिश जारी रहने वाली है। इसके अलावा, तमिलनाडु, रायलसीमा में अगले पांच दिनों तक भारी बरसात के आसार हैं। वहीं, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के इलाकों में अगले 24 घंटे तक तेज बारिश होती रहेगी।
उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 9 और 10 अक्टूबर को मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है। इसके अलावा, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में 9 से 13 अक्टूबर तक गरज के साथ भारी बारिश होने वाली है। तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और तेलंगाना में 9, 12 और 13 अक्टूबर, आंतरिक कर्नाटक के इलाकों में 10 और 11 अक्टूबर, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में 9 से 11 अक्टूबर और केरल में 9 व 10 अक्टूबर को भारी बारिश होगी।
उधर, पश्चिम बंगाल, सिक्किम में 9 से 12 अक्टूबर, ओडिशा में 9 अक्टूबर और बिहार में 11 व 12 अक्टूबर को मध्यम बारिश का अलर्ट है। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय की बात करें तो यहां 9 से 12 अक्टूबर, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 9 से 11 अक्टूबर के बीच बारिश होने वाली है।
दिल्ली में 2007 के बाद से दूसरी सर्वाधिक बारिश
राष्ट्रीय राजधानी में बीते 24 घंटे में सुबह साढ़े आठ बजे तक 74 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी, जो 2007 के बाद से इस अवधि की दूसरी सर्वाधिक बारिश है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। राजधानी में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 74 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री नीचे पहुंच गया, जिसके कारण दिन-रात के तापमान के बीच का अंतर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। आईएमडी के आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में मौजूदा बारिश मानसून की बारिश नहीं है। मानसून सामान्य 653.6 मिमी के मुकाबले 516.9 मिमी बारिश दर्ज कराने के बाद राजधानी से 29 सितंबर को लौट गयी थी। आईएमडी के अनुसार, क्षेत्र में मानसून के बाद बारिश का कारण एक पश्चिमी विक्षोभ माना जाता है, जो निचले स्तर पर पुरवाई हवाओं के साथ मध्य और ऊपरी वायुमंडल में कम हवा के दबाव के कारण बनता है।